ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने जो रफ्तार अप्रैल में पकड़ी थी, वो गर्मी बढ़ने के साथ-साथ लगता है ठंडी पड़ गई है. फेडरेशन ऑफ ओटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA ने मई में ऑटो रिटेल बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि मई, 2024 में गाड़ियों की बिक्री की ग्रोथ सालाना आधार पर सिर्फ 2.61% रही है, जबकि अप्रैल, 2024 में सालाना आधार पर ये ग्रोथ 27% रही थी.
मई में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री करीब 1% गिरकर 3,03,358 यूनिट रही है, जो कि मई, 2023 में 3,06,305 यूनिट रही थी. मासिक आधार पर देखें तो ये गिरावट 9.48% की है. अप्रैल, 2024 में 3,35,123 गाड़ियां बिकी थीं. 2-व्हीलर की बिक्री में भी सालाना 2.5% की गिरावट देखने को मिली है. मई, 2024 में 15,34,856 2-व्हीलर्स बिके थे, जबकि मई 2023 में 14,97,778 गाड़ियों की बिक्री हुई थी.
पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री 0.96% गिरकर 3,03,358 यूनिट (YoY)
कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री 4.07% बढ़कर 83,059 यूनिट (YoY)
2-व्हीलर्स की बिक्री 2.48% बढ़कर 15,34,856 यूनिट (YoY)
3-व्हीलर्स की बिक्री 20.09% बढ़कर 98,265 यूनिट रही(YoY)
मई में गाड़ियों की कुल बिक्री 2.61% बढ़कर 20,89,603 यूनिट (YoY)
FADA ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि देश में लोकसभा चुनाव और भंयकर गर्मी की वजह से ग्राहक शोरूम तक गए ही नहीं, जिसका असर बिक्री पर दिखा है. FADA के मुताबिक लोगों के फुटफॉल में 18% की कमी देखने को मिली है.
3-व्हीलर सेगमेंट को छोड़ दें तो सभी में गिरावट रही है. सालाना आधार पर 3-व्हीलर्स की बिक्री में 20% की ग्रोथ है, जबकि मासिक आधार पर 22.67% की ग्राथ हुई है. दूसरी तरफ ट्रैक्टर्स की बिक्री भी मासिक आधार पर 23.74% बढ़ी है, हालांकि सालाना आधार पर इसमें 1% की गिरावट है.
मई, 2024 में कुल गाड़ियों की बिक्री 20,89,603 यूनिट रही है, जो कि सालाना आधार पर 2.6% की ग्रोथ को दर्शाता है. मई, 2023 में 20,36,528 गाड़ियों की बिक्री हुई थी. हालांकि मासिक आधार पर ये 5.28% गिरी है.
FADA के प्रेसिडेंट मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि बेहतर सप्लाई, पेंडिंग बुकिंग और डिस्काउंट स्कीम्स के बावजूद, नए मॉडल्स की कमी, गलाकाट कंपटीशन और ऑटो कंपनियों की खराब मार्केटिंग कोशिशों ने बिक्री पर असर डाला. इसके अलावा ग्राहकों की ओर से कार खरीदने की योजनाओं को टालने, कम इन्क्वायरी ने मुश्किलों को और बढ़ा दिया.
ज्यादा गर्मी की वजह से शोरूम में आने वाले ग्राहकों की संख्या 18% गिर गई. सिंघानिया ने कहा कि कुल मिलाकर, ऑटो सेक्टर में मिले-जुले बिक्री के आंकड़े देखने के बाद इंडस्ट्री बड़ी चुनौतियों से गुजर रही है. सिंघानिया ने कहा कि चुनाव के बाद के नतीजों से स्थिरता आने और बाजार के सेंटीमेंट्स में सुधार आने की उम्मीद है. सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है.