फोर्ड मोटर (Ford Motor) ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग फिर से शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि ये मैन्युफैक्चरिंग ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए की जाएगी. मतलब कंपनी की इंडियन मार्केट में अपने मॉडल्स की बिक्री वापस शुरू करने की कोई मंशा नहीं है.
दरअसल दिग्गज अमेरिकी कंपनी ने करीब 3 साल पहले भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए थे.
अब कंपनी ने तमिलनाडु सरकार के साथ चेन्नई प्लांट में काम शुरू करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट साइन किया है. कंपनी ने एक स्टेटमेंट जारी कर इसकी जानकारी दी है.
इस प्लांट से कंपनी के फोर्ड+ ग्रोथ प्लान के तहत ग्लोबल मार्केट्स में एक्सपोर्ट के लिए गाड़ियां तैयार की जाएंगी.
स्टेटमेंट में फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के प्रेसिडेंट Kay Hart ने कहा, 'अब जब हम चेन्नई प्लांट के लिए तमाम विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, तब हम तमिलनाडु सरकार की तरफ से मिल रही मदद के लिए आभारी हैं.'
हार्ट के साथ लेटर ऑफ इंटेंट पर मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने हस्ताक्षर किए. उन्होंने फोर्ड की राज्य में वापसी पर स्वागत किया.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हमने फोर्ड की तमिलनाडु के साथ तीन दशक पुरानी साझेदारी को दोबारा शुरू करने की उपयोगिता पर विचार किया.'
फोर्ड मोटर के ग्लोबल ऑपरेशंस के लिए फिलहाल तमिलनाडु में 12,000 कर्मचारी हैं. अगले तीन साल में 2,500-3000 नौकरियां और पैदा होने की उम्मीद है.
साणंद में स्थित फोर्ड की इंजन मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस को मिला लें, तो फोर्ड के लिए भारत दूसरी सबसे बड़ी सैलरीड वर्कफोर्स वाला देश है.
बता दें फोर्ड ने देश में अपने पुराने 10 लाख ग्राहकों को कस्टमर सपोर्ट के लिए ऑपरेशंस जारी रखे थे, इनमें कार सर्विस, पार्ट्स और वारंटी से जुड़ी सर्विसेज हैं.