ह्युंदई (Hyundai) की दुनियाभर में होने वाली बिक्री का एक-चौथाई हिस्सा भारत से आता है. शायद यही वजह है कि कंपनी IPO पर विचार कर रही है.
गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल महीने में ह्युंदई मोटर कंपनी की ग्लोबल बिक्री 3.3% बढ़कर 3.46 लाख यूनिट रही. दिए गए आंकड़ों में एक खास बात पता चलती है, वो ये कि भारत में बिकने वाली गाड़ियां कंपनी के घर दक्षिण कोरिया में बिकने वाली गाड़ियों के बराबर है.
दक्षिण कोरिया में, कंपनी ने 63,733 गाड़ियां बेचीं जो सालाना आधार पर 4.4% की गिरावट है. वहीं, भारत में कंपनी की गाड़ियों की बिक्री सालाना आधार पर 10% बढ़कर 63,701 यूनिट रही. कंपनी ने 50,201 कार देश में और 13,500 कारें एक्सपोर्ट करके बेचीं.
1 मई कंपनी के भारत स्थित चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तरुण गर्ग ने बयान में कहा, 'अप्रैल में, लगातार चौथे महीने ह्युंदई मोटर इंडिया की घरेलू बिक्री 50 हजार यूनिट से ज्यादा रही'. उन्होंने आगे कहा, 'क्रेटा, वेन्यू और एक्सटर जैसे मॉडल्स के दम पर SUVs की बिक्री घरेलू बिक्री में 67% का कंट्रीब्यूशन कर रही है'.
2 मई को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, 'दक्षिण कोरिया के बाहर कंपनी की सेल्स सालाना आधार पर 5.2% बढ़कर 2,82,107 यूनिट रही जिसमें उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के साथ भारत में होने वाली सेल्स में अच्छी तेजी रही'. कंपनी ने कहा, 'अप्रैल में ह्युंदई मोटर की बिक्री सालाना आधार पर 4.4% घटकर 63,733 यूनिट रही'.
भारत में गाड़ियों की होने वाली बिक्री से उन मीडिया रिपोर्ट्स को बल मिलता है जिनके मुताबिक ह्युंदई मोटल भारत में IPO लाने पर विचार कर रही है.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 'ह्युंदई मोटर ने $2.5 बिलियन के IPO का जिम्मा सिटीग्रुप Inc. और JP मॉर्गन चेज एंड कंपनी को दिया है. ये किसी कंपनी के लिए देश में सबसे बड़ी लिस्टिंग में एक होगी.
इसके जरिए ह्युंदई मोटर इंडिया का कुल वैल्यूएशन $30 बिलियन हो जाएगा, जो दक्षिण कोरिया की पेरेंट कंपनी से आधा होगा. ये मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसी बड़ी ऑटो कंपनियों के $40 बिलियन के वैल्यूएशन से कुछ ही कम है'.
ह्युंदई इंडिया के IPO से देश में कंपनी के एक्सपेंशन को सपोर्ट मिलेगा. भारत वैसे भी जापान को पछाड़ते हुए दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो मार्केट के रूप में उभर रहा है. लिस्टिंग के बाद इसकी इंडिया यूनिट की पेरेंट कंपनी पर फंड्स के लिए निर्भरता कम हो जाएगी.
मीडिया एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक S&P ग्लोबल मोबिलिटी के गौरव वंगाल ने कहा, 'लोकल प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे जुटाने के लिए भारत ग्राउंड बनेगा. ह्युंदई मार्केट डायनामिक्स को समझता है'.
भारत में ही बड़ा कैपिटल बनने से ह्युंदई इंडिया को अपना EV इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद मिलेगी.
ह्युंदई इंडिया ने अगले साल तक पहली मास-मार्केट इलेक्ट्रिक कार लाने का लक्ष्य रखा है. COO तरुण गर्ग के मुताबिक, 2030 तक, ऐसे 5 और मॉडल प्लान किए जा रहे हैं.
कंपनी ने पहले ही आयोनिक 5 (Ioniq 5) और कोना (Kona) इलेक्ट्रिक कार का एसेंबल शुरू कर दिया है. कंपनी ने बीते साल ही 1,800 कार की बिक्री शुरू कर दी है.
इसके साथ ही, ह्युंदई मोटर और इसकी सिस्टर कंपनी किआ कॉर्प (Kia Corp.) ने एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ EV बैटरी लोकलाइजेशन के लिए पार्टनरशिप की है.
अप्रैल में, ह्युंदई मोटर ने देश भर में 19,000 इलेक्ट्रिक कार बेची हैं.