आने वाले वक्त में डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर अतिरिक्त 10% GST लगाया जाना चाहिए. 63वें सालाना SIAM कन्वेंशन में उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं वित्त मंत्री से सिफारिश करूंगा.
दरअसल, सरकार सड़कों से डीजल गाड़ियों को जल्द से जल्द हटाना चाहती है और उनकी जगह इलेक्ट्रिक या दूसरे क्लीन फ्यूल के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती है. नितिन गडकरी का ये बयान उसी दिशा में है.
नितिन गडकरी ने कहा कि 'मैंने एक चिट्ठी लिखकर तैयार रखी है, आज शाम को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मेरी मुलाकात होने वाली है, उस बैठक में मैं उनके सामने उनसे कहूंगा, ताकि जल्द से जल्द इसका ट्रांसफॉर्मेशन हो, नहीं तो लोग इसको सुनने के मूड में नहीं हैं.'
इस खबर के बाद ऑटो कंपनियों और ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार गिरावट आई है. अशोक लेलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत फोर्ज 3-4% तक गिरे हुए हैं.
SIAM कन्वेंशन के कार्यक्रम में उन्होंने ऑटो मैन्युफैक्चरर्स से कहा कि 'आप चाहें तो मेरे विचार को बदल सकते हैं, हम अच्छी सड़कें बना रहे हैं, इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ग्रोथ हो रही है, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट इंडस्ट्री भी खुश है, लेकिन इसके साथ ही फॉसिल फ्यूल का इंपोर्ट भी बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि 'ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री भले ही अपनी ग्रोथ से खुश है, लेकिन प्रदूषण बढ़ने से देश की जनता बहुत दुखी होगी, और इसलिए जल्दी से प्रदूषण मुक्ति के रास्ते पर चलकर सहयोग करिए, ये मेरा आपसे अनुरोध है, नहीं तो जेनरेटर से लेकर डीजल खपत वाले हर इंजन पर अतिरिक्त 10% GST लगाने पर विचार करना पड़ेगा.'
हालांकि इसके तुरंत बाद ही केंद्रीय मंत्री गडकरी की तरफ से इस बयान को लेकर सफाई भी आ गई. उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स, जिसमें डीजल गाड़ियों पर अतिरिक्त 10% GST लगाने की बात कही जा रही है, इस पर साफ कर देना चाहते हैं कि सरकार के सामने वर्तमान में ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि - 2070 तक कार्बन नेट जीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के मुताबिक, सक्रिय रूप से स्वच्छ और ग्रीन ऑप्शनल ईंधन को अपनाना जरूरी है. ये ईंधन इंपोर्ट के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए.