महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) ने ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility Ltd.) को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें तीन दिनों के भीतर ये स्पष्टीकरण मांगा गया है कि राज्य में इसके कुछ स्टोर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के क्यों चल रहे हैं.
31 मार्च, 2025 को जारी इस नोटिस में कहा गया है 'ये पाया गया है कि आपकी कंपनी अनधिकृत शोरूम और स्टोर-को-सर्विस सेंटर चला रही है और अवैध रूप से वाहनों की बिक्री कर रही है. ये एक बहुत ही गंभीर मामला है, और आपसे अनुरोध है कि तीन दिनों के भीतर ये स्पष्टीकरण दें कि इस काम के लिए आपकी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.'
इस नोटिस पर महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त कार्यालय का लेटरहेड था. इस पर संयुक्त परिवहन आयुक्त रवि गायकवाड के दस्तखत थे. NDTV प्रॉफिट ने इस चिट्ठी की कॉपी देखी है, इस मामले पर टिप्पणी मांगने के लिए ओला इलेक्ट्रिक को भेजे गए ई-मेल का इस खबर के छपने तक कोई जवाब नहीं आया था.
21 मार्च को NDTV प्रॉफिट ने रिपोर्ट दी थी कि महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को राज्य में ओला इलेक्ट्रिक के सभी स्टोर्स के लिए 'विशेष निरीक्षण मिशन” शुरू करने का निर्देश दिया था ताकि उनके बिजनेस सर्टिफिकेट्स की जांच की जा सके. बाद में ये पाया गया कि उनमें से कई जरूरी दस्तावेजों के बिना ही चल रहे थे.
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 33 के मुताबिक, व्हीकल डिस्ट्रीब्यूटर्स और मैन्युफैक्चरर्स को गाड़ियों को रजिस्टर्ड करने के लिए एक ट्रेड सर्टिफिकेट हासिल करना अनिवार्य होता है.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 35 में कहा गया है कि गाड़ियों की बिक्री, ट्रेड या एग्जिबिशन में शामिल हर संस्थान, शोरूम या डीलरशिप को संबंधित रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी से एक स्वतंत्र बिजनेस सर्टिफिकेट हासिल करना होगा.