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कड़े रेगुलेशन और 28% GST से महंगी हुई मोटरसाइकिल, इसे 18% करना चाहिए: राजीव बजाज

राजीव बजाज ने कहा कि मोटरसाइकिल एक आम आदमी की सवारी है, ऐसे में इस पर 28% GST क्यों लगना चाहिए. आप ब्राजील और दूसरे एशियाई देशों को देखिए वहां पर टैक्स 8% और 14% है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी01:35 PM IST, 03 May 2024NDTV Profit हिंदी
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ऊंचे टैक्स और हद से ज्यादा सख्त रेगुलेशन की वजह से मोटरसाइकिलों के दाम इतने ज्यादा हो गए हैं. ये कहना है बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज का. आज बजाज ऑटो ने अपनी सबसे बड़ी पल्सर NS400Z को लॉन्च कर दिया है, शुरुआती कीमत रखी है 1.85 लाख रुपये.

'दो नियमों से महंगीई हुई मोटरसाइकिल'

इस लॉन्च के मौके पर जब राजीव बजाज से पूछा गया कि मोटरसाइकिलों की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों है. इस पर उन्होंने कहा कि दो साल पहले सेफ्टी और एमिशन से जुड़े दो नियमों को लागू किया गया था, जिसकी वजह से मोटरसाइकिलों के दाम बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि रेगुलेशन के तहत 125cc मोटरसाइकिल में BS6 और ABS को अनिवार्य कर दिया गया.

अपनी बात को आगे समझाने के लिए राजीव बजाज ने कहा 'जो पल्सर 150cc पहले 71,000 रुपये की आती थी, आज की तारीख में वही मोटरसाइकिल 1.20-1.30 लाख रुपये की आती है. मोटरसाइकिलों की कीमतों में अचानक इस तेजी की कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मार्केट को हद से ज्यादा रेगुलेट कर दिया गया, जिसकी वजह से दाम बढ़े हैं.'

'GST को 28% से घटाकर 18% करना चाहिए'

राजीव बजाज ने कहा कि मोटरसाइकिल एक आम आदमी की सवारी है, ऐसे में इस पर 28% GST क्यों लगना चाहिए. आप ब्राजील और दूसरे एशियाई देशों को देखिए वहां पर टैक्स 8% और 14% है. उन्होंने कहा 'एमिशन के मोर्चे पर रेगुलेशन कड़े होने चाहिए, इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं है. एक मैन्युफैक्चरर, एक पिता और समाज का हिस्सा होने के नाते मैं भी मानता हूं कि साफ हवा होनी चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ सरकार को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि मोटरसाइकिल पर GST 18% या 12% हो, न कि 28%.'

उन्होंने कहा 'ये तो एक बात हुई, अब सेफ्टी के लिए भारत में 150cc की मोटरसाइकिल में ABS को अनिवार्य किया गया, जो कि 12-14 हॉर्स पावर जेनरेट करता है. मुझे सच में लगता है ये जरूरत से कुछ ज्यादा ही है. यूरोप में 15 हॉर्स पावर या उससे ज्यादा की मोटरसाइकिलों के लिए ABS जरूरी किया गया है, लेकिन यूरोप तो यूरोप है. इसलिए मेरा साफ साफ मानना है कि सरकार ने भारत में मोटरसाइकिल और ऑटोमोबाइल को ऊंचे टैक्स और कड़े रेगुलेशन से बेवजह ही महंगा कर दिया है.

सेल्स वॉल्यूम पर असर?

राजीव बजाज ने कहा 'यही वजह है कि आज 1 लाख रुपये की कीमत वाली मोटरसाइकिल को महंगा नहीं माना जा रहा है. जबकि मेरा मानना है कि 1 लाख रुपये कोई छोटी-मोटी रकम नहीं है, एक आम आदमी के लिए 1 लाख रुपये बहुत बड़ी रकम है. हम इसे कम तो नहीं कर सकते, लेकिन रनिंग कॉस्ट को कम करके राहत जरूर पहुंचा सकते हैं.'

क्या मोटरसाइकिलों के दाम बढ़ने की वजह से सेल्स वॉल्यूम गिरा है, इस पर राजीव बजाज ने कहा कि इसका कोई सीधा जवाब नहीं हो सकता है, दरअसल, मोटरसाइकिलों की बिक्री अब भी प्री-कोविड स्तर के करीब नहीं पहुंच सकी है. यानी मोटरसाइकिलों की बिक्री कोविड से पहले के स्तर पर नहीं पहुंची है. इसकी एक वजह इलेक्ट्रिक स्कूटर भी है.

ध्यान देने वाली बात ये है कि 125CC और इसके ऊपर मोटरसाइकिल की बिक्री रिकवर हुई है, लेकिन 100CC मोटरसाइकिल जो कि मार्केट का 50% हिस्सा है, अभी पूरी तह से रिकवरी नहीं हुआ है. तो ये नतीजा निकाला जा सकता है कि कुछ लोग कोविड के पहले जितने सक्षम थे अब उतने सक्षम नहीं रह गए हैं, या तो कंज्यूमर का एक हिस्सा अब इलेक्ट्रिक स्कूटर की तरफ मुड़ चुका है.

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