केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनियों को सब्सिडी जारी रखने की जरूरत से इनकार करते हुए कहा कि अब सब्सिडी की जरूरत नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि अब लोग खुद ही EV या CNG व्हीकल खरीदना पसंद कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में BNEF समिट को संबोधित करते हुए कहा कि कंज्यूमर्स अब अपनी पसंद से EV और CNG वाहन खरीदने लगे हैं. मुझे नहीं लगता है कि हमें अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ज्यादा सब्सिडी देने की जरूरत रह गई है.
नितिन गडकरी ने कहा, 'पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बहुत ज्यादा थी, लेकिन अब इसकी डिमांड बढ़ गई है, जबकि उत्पादन लागत भी कम हो गई है. ऐसी स्थिति में EV को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं रह गई है.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाला GST पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम है. मौजूदा टैक्स व्यवस्था में हाइब्रिड और पेट्रोल-डीजल इंजन वाले वाहनों पर 28% GST लगता है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ 5% GST लगता है.
उन्होंने कहा, 'मेरे विचार से इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को अब सरकार की ओर से सब्सिडी दिए जाने की जरूरत नहीं है. सब्सिडी की मांग अब उचित नहीं रह गई है.
एक दिन पहले ही स्टील कॉन्क्लेव में हेवी इंडस्ट्री और स्टील मिनिस्टर HD कुमारस्वामी ने सब्सिडी स्कीम (FAME-III) की जल्द शुरुआत होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि सरकार FAME योजना के तीसरे चरण को एक-दो महीने में अंतिम रूप दे सकती है. ये स्कीम अस्थायी इलेक्ट्रिक परिवहन प्रोत्साहन योजना, 2024 की जगह लेगी, जो इसी महीने खत्म होने वाली है.