अक्टूबर 2024 में कारों की रिटेल बिक्री में लगभग एक तिहाई की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन गाड़ियों की इन्वेंट्री की खराब हालत में ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार है. गाड़ियों की बिक्री में आया ये उछाल इन्वेंट्री की हालत को सुधारने के लिए पर्याप्त नहीं है.
इंडस्ट्री बॉडी फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि, सरकार की VAHAN वेबसाइट पर रजिस्टर्ड गाड़ियों की संख्या एक साल पहले की तुलना में 32.38% बढ़कर 4,83,159 यूनिट हो गई. हालांकि, इन्वेंट्री में केवल 5 दिनों की गिरावट आई है.
अब कंपनियों के पास स्टॉक 75-80 दिनों तक ही सीमित है, जो पहले 80-85 दिनों का हुआ करता था. यानी कार बनाने वाली कंपनियों को डीलर्स के पास पड़े माल को खाली कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
FADA के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने मीडिया को दिए गए एक बयान में कहा कि, 'मजबूत बिक्री के बावजूद PV OEM ने डीलरों के पास भारी मात्रा में गाड़ियों का स्टॉक जमा कर रखा है, जिसके चलते इन्वेंट्री लेवल मे केवल 5 दिनों की गिरावट आई है. जबकि कुल इन्वेंट्री अभी भी 75-80 दिनों के उच्च स्तर पर है. शादी सीजन की वजह से इस साल के अंत तक कंपनियों की ओर से गाड़ियों पर डिस्काउंट जारी रह सकता है.
त्योहार और शादियों के चलते कंपनियों की ओर से मिली छूट के बावजूद 10 लाख रुपये से कम कीमत की छोटी कारों का सेगमेंट दबाव का सामना कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ टॉप SUV मेकर कंपनियां जैसे महिंद्रा एंड महिंद्रा और हुंडई मोटर की मंथली डिस्पैच में हर महीने बढ़ोतरी हो रही है.
2-व्हीलर्स की बिक्री सालाना आधार पर 6.34% बढ़कर 20,65,095 यूनिट रही
3-व्हीलर्स की बिक्री सालाना आधार 11.45% बढ़कर 1,22,846 यूनिट हो गई
कारों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 32.38% बढ़कर 4,83,159 यूनिट हो गई
ट्रक/बस की सालाना आधार पर 6.37% बढ़कर 97,411 यूनिट हो गई
विग्नेश्वर ने आगे कहा कि, 'आमतौर पर अक्टूबर में सालाना आधार पर कुल ऑटो सेल्स की 30-35% तक की बिक्री सिर्फ नवरात्री और दिवाली में होती है.
रबी या सर्दियों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी से ग्रामीण मांग में सुधार हुआ, जिससे दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई. जबकि त्यौहारी मांग ने कमर्शियल व्हीकल को बढ़ावा मिला. सुस्त मैन्युफैक्चरिंग बढ़ती कीमतों की चुनौतियों ने सेल्स पर असर डाला है.
जाटो डायनेमिक्स के रवि भाटिया ने संकेत दिए हैं कि, इस शादी सीजन में नवंबर और दिसंबर के बीच 48 लाख शादियाँ होने की उम्मीद है, जिससे कार और मोटरसाइकिल की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना है.
FADA के विग्नेश्वर ने कहा कि, भारतीय ऑटो सेक्टर शादियों के सीजन और अनुकूल बाजार स्थितियों की वजह से काफी आशावादी है. डीलर संभावित चुनौतियों के बारे में सचेत हैं जो साल के आखिर में सेल्स की रफ्तार को और प्रभावित कर सकती हैं