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Exclusive: ओला के सर्विस सेंटर्स पर खड़े हजारों स्कूटर्स खा रहे धूल, महीनों से ग्राहक लगा रहे चक्कर

ओला इलेक्ट्रिक डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल के तहत ऑपरेट करती है. पूरे देश में कंपनी के 500 से ज्यादा एक्सपीरियंस सेंटर्स और 430 सर्विस स्टेशन मौजूद हैं.
NDTV Profit हिंदीTushar Deep Singh
NDTV Profit हिंदी12:50 PM IST, 26 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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कुछ दिन पहले जो ओला इलेक्ट्रिक अपने IPO, लिस्टिंग और इलेक्ट्रिक बाइक्स को लेकर चर्चा में थी, अब फिर से सुर्खियों में है, लेकिन वजह कुछ और है.

इसमें कोई शक नहीं है कि ओला इलेक्ट्रिक देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर कंपनी है, लेकिन यही चीज इसके लिए अब परेशानी का सबसे बनती नजर आ रही है. ओला ने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स तो जमकर बेचे, लेकिन जब बात आफ्टर सेल्स सर्विस की आई, तो कहानी कुछ और ही दिखाई देती है.

भारत के दो सबसे बड़े EV मार्केट्स (EV Market) मुंबई और बेंगलुरु के ग्राहकों में ओला इलेक्ट्रिक के दर्जन भर से ज्यादा ग्राहकों के साथ बातचीत करके पता चला कि ओला S1 स्कूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में खराबी को लेकर ढेरों शिकायतें हैं.

सर्विस एग्जीक्यूटिव्स को वॉरंटी और इंश्योरेंस नियमों के बारे में सही जानकारी नहीं रहती है. कुछ अनुमानों के मुताबिक ओला इलेक्ट्रिक को हर महीने करीब एक लाख शिकायतें मिली हैं. कंपनी के सर्विस सेंंटर्स में बैकलॉग का अंबार इकट्ठा हो गया है.

ठाणे के सर्विस सेंटर में 3,500-4,000 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर मरम्मत के लिए खड़े हैं. मौके पर मौजूद लोगों ने NDTV Profit को बताया कि वाशी में ओला इलेक्ट्रिक बिना जॉब कार्ड जेनरेट किए सर्विस रिक्वेस्ट को मंजूर कर रही है. चेंबूर में मनोज नाम के ग्राहक महीनों से सेंटर के चक्कर काट रहे हैं, सिर्फ अपने स्कूटर को चलता रखने के लिए.

मनोज ने बताया कि मैंने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को खरीदने के लिए 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया, मुझे उम्मीद थी कि इससे तेल की लागत बचाने में मदद मिलेगी. लेकिन अब मैं इसे ठीक कराने के लिए लगातार चक्कर लगा रहा हूं. इससे अच्छी तो पेट्रोल गाड़ी ही थी.

मनोज ने इस साल जनवरी में ओला स्कूटर खरीदा था. इसे पहली बार फरवरी में रिपेयर के लिए भेजा गया था. इसके बाद मार्च और जून में दो बार चक्कर लगाना पड़ा. शनिवार को जब वो चेंबूर में NDTV Profit से मिले, तो उनका स्कूटर फिर रुक गया था.

फिर वाशी में ओला के सेंटर पर मयूर भगत से मुलाकात हुई. उनके ओला S1 प्रो में पहले दिन से दिक्कतें आ रही थीं. उन्होंने इस साल जुलाई में स्कूटर खरीदा था. स्कूटर में सॉफ्टवेयर की दिक्कत थी. ऐप व्हीकल से कनेक्ट नहीं कर पा रहा था. कंपनी ने करीब एक महीने के लिए वाहन रखा, लेकिन फिर भी ठीक नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि उनके पास सर्विस सेंटर के चक्कर काटने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

भगत ने कहा कि सबसे बड़ी मुश्किल है कि ओला इलेक्ट्रिक अपनी खुद की डीलरशिप ऑपरेट करती है. अगर डीलरशिप को फ्रेंचाइजी पार्टनर्स ऑपरेट करते, तो दिक्कतें कम हो सकती थीं.

बिजनेस मॉडल

ओला इलेक्ट्रिक डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल के तहत ऑपरेट करती है. पूरे देश में कंपनी के 500 से ज्यादा एक्सपीरियंस सेंटर्स और 430 सर्विस स्टेशन मौजूद हैं. बाकी इंडस्ट्री हब एंड स्पॉक मॉडल को फॉलो करती है. इसमें ओरीजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) को डीलरशिप लेवल पर पार्ट्स इंवेंट्री रखनी होती है.

लेकिन ओला इलेक्ट्रिक सप्लाई चेन को कंट्रोल करती है, जिससे स्पेयर पोर्ट्स की उपलब्धता में देरी हो सकती है. एक ऑटोमोटिव एनालिस्ट के मुताबिक दिक्कत गहरी है और इसका कंपनी के कल्चर से सीधा लिंक है.

एक जानकार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ये मामला सर्विस एंटरप्राइज का प्रोडक्ट बिल्ड करने का है. एक ऐप को बीटा में शुरू किया जा सकता है. एक ऑटोमोबाइल कंपनी इस तरह काम नहीं करती है. ऐप को विकसित करने से सीखी गई चीजों को स्कूटर की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

सेल्स और सर्विस

एनालिस्ट कहते हैं कि प्रोडक्ट में गड़बड़ी के बावजूद कंपनी की बढ़ती बिक्री समझ नहीं आती है. CEO भाविश अग्रवाल की ट्विटर टाइमलाइन से शिकायतें मिलती हैं लेकिन लोग अभी भी उनके स्कूटर खरीद रहे हैं.

पांच साल से कम समय में कंपनी ने करीब सात लाख इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बिक्री की. ये भारत की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर इंडस्ट्री का करीब एक तिहाई है. कंपनी का औसत 35,000 यूनिट्स प्रति महीना है.

कंपनी की ग्रोथ इससे भी पता चलती है कि वो इस साल अगस्त में IPO लेकर आई और उसका शेयर एनालिस्ट्स की फेवरेट लिस्ट में शामिल हो गया.

बर्नस्टीन के एनालिस्ट्स ने 25 सितंबर को एक नोट में कहा कि ओला इलेक्ट्रिक सबसे ज्यादा मार्जिन और मुनाफे के मजबूत रास्ते के साथ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट की अगुवाई करती है.

ओला इलेक्ट्रिक के पास 18.4% का ग्रॉस मार्जिन है. जबकि उसके प्रतिद्वंद्वी TVS मोटर, बजाज ऑटो और Ather Energy का 14%, 12.3% और 7% है. कंपनी ऑपरेशनल प्रॉफिटेबिलिटी के भी नजदीक आ रही है. 30 जून को खत्म तिमाही में कंपनी का EBITDA मार्जिन -2% रहा. जबकि TVS मोटर, बजाज ऑटो और Ather Energy का -7.9%, -10.4% और -37% है.

लेकिन अब सर्विस से जुड़ी दिक्कतों का मंथली सेल्स पर भी असर पड़ने लगा है. हाल ही में ओला इलेक्ट्रिक ने इस साल अब तक की सबसे कम मंथली सेल्स दर्ज की. बजाज ऑटो और TVS मोटर वॉल्यूम और मार्केट शेयर के मामले में आगे बढ़ रही हैं.

बेंगलुरु में आधारित कंपनी की यूनिट सेल्स सालाना 47% बढ़ी है. लेकिन पिछले महीने से इसमें 34% की गिरावट आई है. सरकार के VAHAN पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक अगस्त में ये 27,506 यूनिट्स पर पहुंच गई. TVS iQube की बिक्री सालाना 13.28% बढ़कर 15,484 यूनिट्स पर आ गई है. बजाज चेतक की बिक्री भी सालाना 154% की बढ़ोतरी के साथ 16,699 यूनिट्स रही.

डायवर्सिफिकेशन प्लान्स

15 अगस्त को ओला इलेक्ट्रिक के सालाना इवेंट संकल्प 2024 में CEO भाविश अग्रवाल ने कंपनी की मोटरसाइकिल की रेंज Roadster पेश की. इसकी बिक्री 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. इसके अलावा उन्होंने देश में विकसित भारत 4680 सेल को पेश किया, जो FY26 की पहली तिमाही से S1 स्कूटर्स में इस्तेमाल होगा.

अग्रवाल ने जून 2024 में NDTV Profit को बताया था कि मकसद बैटरी के मामले में आत्मनिर्भर बनने का है. इससे कीमत और प्रतिस्पर्धा से जुड़े फायदे मिलेंगे.

ओला इलेक्ट्रिक भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की सबसे बड़ी लाभार्थी है. कंपनी तमिलनाडु में 20 GWh की गीगाफैक्ट्री बना रही है. उसकी योजना पहले चरण में $100 मिलियन का निवेश करने की है, जिससे 5 GWh प्रोडक्शन कैपेसिटी डेवलप हो सके.

अग्रवाल ने उस समय कहा था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में सबसे बड़ा, महंगा कंपोनेंट बैटरी होती है. इससे हमने चार साल पहले अपने सेल्स डेवलप करना शुरू किया. हमने बेंगलुरु में लैब बनाई. अगला स्टेप गीगाफैक्ट्री थी.

चुनौतियां

लेकिन कंपनी के डायवर्सिफिकेशन से पहले उसके कोर बिजनेस में सुधार करने की जरूरत है. अब ग्राहक अग्रवाल की ट्विटर टाइमलाइन पर शिकायत करने से आगे बढ़ गए हैं. ओला इलेक्ट्रिक के ग्राहक और वकील हरीश थोंबरे ने सर्विस से जुड़ी दिक्कतों के समाधान तक मैन्युफैक्चरिंग को रोकने की कानूनी कार्रवाई को लेकर चेतावनी दी.

सोमवार, 23 सितंबर को NDTV Profit ने कंपनी को ईमेल भेजकर ये सवाल पूछे:

  • ओला के सर्विस सेंटर्स पर सर्विस के इंतजार में कितने इलेक्ट्रिक स्कूटर खड़े हैं?

  • देशभर में ओला के सर्विस सेंटर्स में मंथली एवरेज बैकलॉग कितना है?

  • ओला इलेक्ट्रिक बिक्री के बाद या सर्विस से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए क्या कर रही है?

  • क्या ओला इलेक्ट्रिक के सर्विस सेंटर्स पर पार्ट्स की उपलब्धता में देरी होती है? अगर हां, तो कितनी?

बुधवार को NDTV Profit ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट को दिखाया था, लेकिन कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.

ओला इलेक्ट्रिक का मानना है कि फ्यूचर इलेक्ट्रिक का है, जो सही है. लेकिन सर्विस से जुड़ी दिक्कतें बहुत परेशान करने वाली हैं. आखिरकार, एक मार्केट लीडर को स्टैंडर्ड सेट करना होता है. वाहन के शोरूम फ्लोर से बाहर निकलने के बाद ही उसका टेस्ट शुरू होता है, और यहीं कंपनी के साथ दिक्कतें हैं.

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लेखकTushar Deep Singh
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