केंद्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक को उसके सबसे ज्यादा बिकने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर की गुणवत्ता के बारे में हजारों ग्राहकों की शिकायतों को लेकर कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि पिछले एक साल में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है.
नाम न बताने की शर्त पर जानकारों ने NDTV Profit से कहा कि कंपनी के फाउंडर भाविश अग्रवाल और उनकी कंपनी को कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के कथित उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार की रात एक्सचेंज फाइलिंग में कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की.
एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, 'केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने उपभोक्ता अधिकारों के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज को लेकर ओला के खिलाफ 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है.'
ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतों में कई तरह के आरोप लगाए गए हैं-
स्कूटर की डिलीवरी में देरी
सर्विस में देरी
प्रॉमिस की गई सेवाएं पूरी न करना
मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट
ओवरचार्जिंग
खराब क्वालिटी के कॉम्पोनेंट्स
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि सेंट्रल कंज्यूमर कम्पलेंट्स अथॉरिटी इलेक्ट्रिक स्कूटर से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट और दोषपूर्ण कॉम्पोनेंट्स की भी जांच कर रही है.
कंपनी CCPA के समक्ष इस नोटिस का जवाब दाखिल करेगी. कंपनी के CFO हरीश अबीचंदानी के सिग्नेचर वाली इस एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है, इस कारण बताओ नोटिस का फिलहाल कंपनी की वित्तीय, ऑपरेशनल या अन्य गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं है. इसमें कोई दंड या जुर्माना नहीं लगाया गया है.
शिकायतों के पुलिंदे से भरा ये नोटिस ऐसे समय में आया है, जब ओला इलेक्ट्रिक को लगाता ग्राहकों की शिकायतें मिल रही हैं और इसके सर्विस सेंटर्स इसके टूटे-फूटे स्कूटरों से भरे पड़े हैं.
दो हफ्ते पहले NDTV Profit ने मुंबई और बेंगलुरु में एक दर्जन से अधिक असंतुष्ट ग्राहकों से बातचीत के बाद 'ओला एक्सपीरियंस' से जुड़ी समस्याओं पर रिपोर्ट की थी. इसके अगले ही दिन कंपनी ने सेल्स के बाद सर्विस संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी 'हाइपरसर्विस' इनिशिएटिव का ऐलान किया था.
कंपनी ने कहा है कि इस साल दिसंबर तक अपने सर्विस नेटवर्क को दोगुना करने का प्लान है. साथ ही कंपनी अगले साल के अंत तक 1,00,000 थर्ड-पार्टी मैकेनिक्स को इलेक्ट्रिक स्कूटर की मरम्मत की ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है.
हाल के आंकड़ों के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक का मार्केट शेयर काफी कम हुआ है, इसमें बजाज ऑटो और एथर एनर्जी ने सेंधमारी की है. सितंबर में ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री 11% गिरकर 23,965 यूनिट रह गई है. ये सबसे कम मंथली सेल्स है. ये लगातार दूसरा महीना है जब बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है. कंपनी का मार्केट शेयर घट कर 27% रह गया है, जो कि इसी साल अप्रैल में 50% से ज्यादा था.
सोमवार को कंपनी के शेयर में करीब 9% की गिरावट देखने को मिली थी, जबकि मंगलवार को एक बार फिर बाजार खुलते ही कंपनी के शेयर में करीब 6% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. पिछले 7 में से 6 सेशन में कंपनी के स्टॉक में गिरावट देखी गई है.
देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले एक एनालिस्ट के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक की चुनौतियां, प्रॉडक्ट डेवलपमेंट के प्रति इसके दृष्टिकोण से पैदा हुई हैं. विश्लेषक ने नाम न बताने की शर्त पर NDTV Profit से बातचीत में कहा, 'ये निश्चित रूप से एक सर्विस एंटरप्राइज है, जो प्रॉडक्ट बना रहा है.'
उन्होंने कहा कि जबकि ऐप को बीटा में लॉन्च किया जा सकता है और समय के साथ इसमें सुधार किया जा सकता है, वाहन निर्माण के लिए एक अलग प्रक्रिया की आवश्यकता होती है.' विश्लेषक ने कहा, 'ऐप बनाने से मिलने वाले सबक स्कूटर निर्माण में लागू नहीं किए जा सकते.'