टाटा मोटर्स ने डीमर्जर का ऐलान किया है. एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया है कि वो अपने कारोबार को दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटेगी.
दो लिस्टेड कंपनियों में एक कंपनी कमर्शियल व्हीकल के लिए होगी और दूसरी कपनी पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के लिए होगी. कंपनी के सभी शेयरहोल्डर्स की दोनों ही लिस्टेड कंपनियों में बराबर की शेयरहोल्डिंग बनी रहेगी.
फाइलिंग के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल यूनिट में PV, EV, JLR शामिल होंगे, जबकि कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में कमर्शियल गाड़ियां जैसे ट्रक और इससे जुड़ी कंपनियां होंगी.
डीमर्जर को मंजूरी मिलने में 12-15 महीने का वक्त और लगेगा. कंपनी ने साफ किया है कि डीमर्जर का स्टाफ, ग्राहकों और कामकाज पर कोई असर नहीं होगा.
कंपनी ने कहा कि ये कदम दोनों कंपनियों को जवाबदेही को मजबूत करते हुए उनकी ग्रोथ को मजबूती देने के लिए अपनी-अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाएगा.
पैसेंजर व्हीकल यूनिट में PV, EV, JLR और इससे जु़ड़े निवेश शामिल होंगे
CV सेगमेंट में कमर्शियल गाड़ियां जैसे ट्रक, बस और इससे जुड़ी कंपनियां होंगी.
टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा, 'इस डीमर्जर से उन्हें अपना फोकस और चुस्ती बढ़ाकर बाजार से मिले मौकों को बेहतर ढंग से भुनाने में मदद मिलेगी.' उन्होंने कहा - 'इससे हमारे ग्राहकों को बेहतर अनुभव, हमारे कर्मचारियों के लिए बेहतर विकास की संभावनाएं और हमारे शेयरधारकों के लिए वैल्यू में इजाफा होगा.'
3 ऑटोमोटिव यूनिट्स अभी स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं और लगातार प्रदर्शन कर रही हैं.
टाटा मोटर्स ने बीते कुछ वर्षों में मजबूत बदलाव की कहानी गढ़ी है
डीमर्जर से कंपनियों को मौकों को बेहतर तरीके से भुनाने में मदद मिलेगी
डीमर्जर से हमारे ग्राहकों का अनुभव बेहतर होगा
डीमर्जर से हमारे शेयरहोल्डर्स की वैल्यू में इजाफा होगा
कंपनी ने कमर्शियल गाड़ियों, पैसेंजर व्हीकल्स और जगुआर लैंड रोवर के लिए अलग-अलग स्ट्रैटिजीज को लागू करके एक मजबूत प्रदर्शन दिया है. टाटा मोटर्स ने कहा कि ये सभी बिजनेस 2021 से अपने-अपने CEOs के तहत स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं.
डीमर्जर के लिए NCLT की स्कीम को आने वाले महीनों में मंजूरी के लिए कंपनी के बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा. कंपनी ने कहा कि डीमर्जर का कंपनी के बिजनेस पार्टनर्स, उसके ग्राहकों या फिर कंपनी के कर्मचारियों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा.