एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारत के बाजार में आने की तैयारी कर रही है, लेकिन उसे कार इंपोर्ट पर लगने वाले 100% टैरिफ की भी चिंता है.
टेस्ला के निवेशक संबंधों के प्रमुख ट्रैविस एक्सेलरोड ने मंगलवार को कंपनी के नतीजों को लेकर हुई कॉल के दौरान कहा, मेरा कहना ये है कि हम भारत में आने की तैयारी कर रहे हैं, भारत एक बढ़िया बाजार है...लेकिन भारत में मौजूदा टैरिफ स्ट्रक्चर ये है कि हम जो भी कार भेजते हैं, उस पर 70% टैरिफ लगता है. इसके अलावा, इस पर 30% लग्जरी टैक्स भी देना पड़ेगा.
एक्सेलरोड ने कहा इसलिए, ये एक परेशानी पैदा करता है. ऐसा मालूम होता है कि लोगों को लगता है कि वो कार के लिए बहुत ज्यादा पैसे दे रहे हैं. और वो पैसे हमें नहीं मिल रहे हैं. यहां की सरकार को मिल रहे हैं, और इसीलिए हम बहुत सावधानी से ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि सही समय कब है...हम इस पर काम कर रहे हैं'
दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने भारत में अपना पहला स्टोर खोलने के लिए कम से कम दो जगहों की पहचान की है, जिनमें से एक मुंबई और दूसरा दिल्ली में होगा. इसके अलावा, टेस्ला ने भारत के लिए कम से कम 30 जॉब्स की लिस्ट बनाई है, जिनमें सप्लाई चेन से जुड़ी संबंधित तीन जॉब्स शामिल हैं. इसकी दो कारें पहले से ही भारत में स्वीकृत हैं और उन्हें मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर परीक्षण के दौरान देखा गया था.
इसके अलावा, कम से कम तीन केंद्रीय सरकारी मंत्रालय, भारी उद्योग, वित्त मंत्रालय और उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ‘भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना’ की रूपरेखा तैयार करने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. अंतिम ड्राफ्ट अब प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है. लगभग एक वर्ष पहले पहली बार पेश की गई भारत की EV नीति को, जिसे किसी ने स्वीकार नहीं किया था, टेस्ला के भारत में एंट्री के रास्ते के रूप में देखा जा रहा है. सबसे बड़ी रुकावट, बेशक टैरिफ़ है.