एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला इस साल के दूसरे हिस्से में भारत में एंट्री करने के लिए बिल्कुल तैयार है. टेस्ला की सस्ती कार मॉडल-3 की बजाय पहले इसकी महंगी कार मॉडल Y को लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद मॉडल-3 और मॉडल-2 को लॉन्च करने के बारे में विचार होगा, जिस पर अभी काम चल रहा है.
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला से जुड़े तीन सूत्रों ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि अमेरिका स्थित इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरर बर्लिन से पूरी तरह से बने-बनाए मॉडल-Y को इंपोर्ट करेगी, क्योंकि राइट हैंड ड्राइव वाली इस SUV का निर्माण सिर्फ यहीं पर किया जाता है. जबकि राइट-हैंड ड्राइव मॉडल 3 शंघाई में बनाई जाती है, लेकिन चीन के कार इंपोर्ट पर प्रतिबंध की वजह से इसे पहले लाने की संभावना नहीं है.
टेस्ला मॉडल S, X और साइबरट्रक के भारत आने की संभावना नहीं है, क्योंकि उनका निर्माण केवल लेफ्ट-हैंड ड्राइव कॉन्फिगरेशन में किया जाता है. मॉडल 2, जिसका पिछला वर्जन रोबोटैक्सी बन गया था, उसके बारे में अफवाह है कि ये गीगा टेक्सास में डेवलप की जा रही है न कि बर्लिन में.
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टेस्ला कारों की लोकल असेंबलिंग की कोई योजना नहीं है. हालांकि, योजनाओं में बदलाव किया जा सकता है, जैसा कि पिछले साल हुआ था जब मस्क ने आखिरी समय में भारत यात्रा रद्द कर दी थी. मॉडल 3 और Y पहली बार 2021 में टेस्टिंग के लिए भारत लाए गए थे.
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक - टेस्ला, जिसका पुणे में एक ऑफिस भी है, भारत में अपने पहले शोरूम को खोलने के लिए मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दिल्ली के एयरोसिटी में जगह की तलाश कर रही है. इसकी जानकारी सबसे पहले रॉयटर्स ने मंगलवार को दी थी.
अब सवाल ये है कि टेस्ला की कारों की कीमत क्या होगी. संशोधित इंपोर्ट ड्यूटी स्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए टेस्ला मॉडल Y की कीमत लॉन्च पर 60-70 लाख रुपये होने की उम्मीद है, जिससे इसका सीधा मुकाबला मर्सिडीज-बेंज, BMW और ऑडी के एंट्री-लेवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से होगा.
S&P Global में लाइट व्हीकल प्रोडक्शन फोरकास्टिंग के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वंगाल ने NDTV प्रॉफिट को फोन पर बताया, 'टेस्ला जिस भी सेगमेंट में भारत में एंट्री करेगा, वहां ये बड़ा बदलाव लाएगा'
हालांकि उन्होंने टेस्ला कारों की कीमत के बारे में अनुमान नहीं लगाया, लेकिन उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत जर्मन कंपनियों (मर्सिडीज-बेंज, ऑडी और BMW) की बाजार हिस्सेदारी को प्रभावित करेगी, जबकि 25-35 लाख रुपये के आसपास की कीमत भारतीय कंपनियों (टाटा मोटर्स और महिंद्रा) की चिंता बढ़ाएगी.
वंगाल ने कहा, 'टेस्ला आदर्श रूप से भारत में टॉप-डाउन नजरिया अपनाएगी, यानी पहले पूरी तरह से बनी हुई यूनिट्स (CBU) के साथ एंट्री करेगी और फिर पूरी तरह से अलग-अलग किट (CKD) लाएगी' और जब ये आएगी, तो ये पूरा पैकेज लाएगी: वर्टिकल मैन्युफैक्चरिंग, और पूरी बैटरी और चार्जिंग इकोसिस्टम.