ओला इलेक्ट्रिक को लेकर मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं. भारत के परिवहन मंत्रालय ने पहली बार ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को ट्रेड सर्टिफिकेट के मामले में कड़ी फटकार लगाई है.जिससे पहले से ही मुसीबतें झेल रही ओला इलेक्ट्रिक के लिए जांच का दायरा बढ़ गया है.
गुरुवार को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ओला इलेक्ट्रिक से कहा कि वो वर्तमान में चल रहे स्टोर्स और सर्विस सेंटर्स की संख्या और पिछले तीन वर्षों में मिले ट्रेड सर्टिफिकेट्स की संख्या के साथ-साथ जारी करने की तारीख बताए. ओला इलेक्ट्रिक को ये भी बताना होगा कि क्या उसके सेंटर्स पर अनरजिस्टर्ड गाड़ियां रखी जा रही हैं. इसके अलावा, ओला इलेक्ट्रिक को उन 7,820 इलेक्ट्रिक स्कूटरों का मॉडल और वैरिएंट-वार विवरण देना होगा, जिनकी डिलीवरी उसने फरवरी में करने का दावा किया था.
ओला इलेक्ट्रिक को परिवहन मंत्रालय की ओर से 24 अप्रैल को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, 'आपको इस चिट्ठी के मिलने की तारीख से सात दिनों के भीतर सवालों के जवाब देने का निर्देश दिया जाता है, ताकि आप पर किसी भी प्रतिकूल कार्रवाई से बचा जा सके. NDTV प्रॉफिट ने सरकार की ओर से भेजे गए इस कारण बताओ नोटिस की एक कॉपी देखी है.
दूसरी तरफ, ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. हमने इसी हफ्ते बताया था कि महाराष्ट्र के संयुक्त परिवहन आयुक्त ने सभी RTO अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चल रहे ओला इलेक्ट्रिक स्टोर्स को तुरंत बंद कराया जाएं. राज्य सरकार ने 16 अप्रैल 2025 को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर बताया कि कई ओला इलेक्ट्रिक स्टोर्स ट्रेड सर्टिफिकेट के बिना संचालित किए जा रहे हैं और वाहन बेच रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है.
16 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस के साथ महाराष्ट्र के RTOs ने अब तक राज्य में 146 ओला इलेक्ट्रिक स्टोर का निरीक्षण किया है, उनमें से 121 बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के संचालित पाए गए और उनमें से 75 को अब तक बंद कर दिया गया है. पिछले महीने निरीक्षण शुरू होने के बाद से कुल 192 स्कूटर जब्त किए गए हैं. RTO को निर्देश दिए गए हैं कि अगर ये स्टोर तय समय में बंद नहीं होते, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
स्टोर्स का निरीक्षण करने के बाद अब तक कुल 192 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स जब्त किए जा चुके हैं. ये स्कूटर बिना वैध दस्तावेजों के बिक्री के लिए रखे गए थे. संयुक्त परिवहन आयुक्त ने साफ कहा है कि राज्य के किसी भी जिले में नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि स्टोर तय समय में बंद नहीं किए गए तो उनके खिलाफ सीलिंग, कानूनी कार्रवाई और वाहन जब्ती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं.