केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय (Union Ministry of Heavy Industries) ने ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Ola Electric) के ग्राहकों के सामने आ रही सर्विसेज से जुड़ी दिक्कतों की जांच शुरू कर दी है. मंत्रालय ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) को चिट्ठी भेजी है और भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर (E-Scooter) बनाने वाली कंपनी के खिलाफ दर्ज की गईं 10,000 से ज्यादा शिकायतों पर इनपुट मांगा है.
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने NDTV Profit को बताया कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री HD कुमारस्वामी ने निजी तौर पर अधिकारियों से मामले को देखने के लिए कहा है. उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर ये बताया और खत के गोपनीय होने का हवाला दिया.
FAME-II और PM ई-ड्राइव स्कीम्स के तहत हर OEM को ग्राहकों की दिक्कतों के लिए सर्विस सेंटर्स का रखरखाव करना होता है. भारी उद्योग मंत्रालय ने ARAI को चिट्ठी में कहा कि सभी OEMs की ओर से पेश की जाने वाली इन दोनों स्कीम्स के तहत वारंटी भी दी जाती है.
चिट्ठी में आगे कहा गया है कि ओला इलेक्ट्रिक स्कीम के तहत लाभार्थी है जिसे FAME-II और PM ई-ड्राइव के तहत ARAI की ओर से योग्यता सर्टिफिकेट जारी किया गया है. इसलिए आपसे इन मामलों पर MHI को जल्द से जल्द प्रतिक्रिया देने के लिए रिक्वेस्ट की जाती है.
NDTV Profit ने इस खत की कॉपी देखी है. भारी उद्योग मंत्रालय के इस कदम से पहले 3 अक्टूबर 2024 को सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने ओला इलेक्ट्रिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.