एक्सिस बैंक (Axis Bank) के शेयरों में शुक्रवार को 6.36% की भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि इस बैंक के जून तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे उम्मीद से कमजोर आए हैं. नतीजे के बाद प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने सतर्क रुख अपनाते हुए अपने प्राइस टारगेट और आय (earnings) के अनुमान घटा दिए.
बैंक ने पहली तिमाही में 5,806 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 4% कम है. ये आंकड़ा ब्लूमबर्ग के अनुमान 6,375 करोड़ रुपये से कम रहा और पिछली तिमाही के 7,117 करोड़ रुपये से काफी नीचे था. इस कमी का मुख्य कारण प्रोविजंस (provisions) और स्लिपेजेज (slippages) में उछाल रहा, जो लोन बुक में तकनीकी पुनर्वर्गीकरण (reclassifications) की वजह से हुआ. प्रोविजन और आकस्मिक खर्च 94% बढ़कर 3,948 करोड़ रुपये हो गए.
बैंक की ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) मार्च तिमाही के 1.28% से बढ़कर 1.57% हो गई, जबकि नेट NPA 0.33% से बढ़कर 0.45% हो गया. खराब होती एसेट क्वालिटी और बढ़ते क्रेडिट कॉस्ट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी, जिससे शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई है.
जेफरीज, सिटी, नुवामा, सिस्टमैटिक्स और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस और आय का अनुमान कम कर दिए हैं. नुवामा ने स्टॉक को डाउनग्रेड करते हुए "Hold" रेटिंग कर दी और इसका लक्ष्य 1,180 रुपये तय किया, क्योंकि एसेट क्वालिटी और मार्जिन में कमी से जोखिम बढ़ गए हैं. अन्य ब्रोकरेज ने भी 'Neutral' या 'Hold' रुख अपनाया है, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ.
एक्सिस बैंक की लंबी अवधि की ग्रोथ की कहानी अब भी आकर्षक है, लेकिन मौजूदा तिमाही के कमजोर नतीजों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है. बढ़ते NPA और प्रोविजन ने बैंक की वित्तीय सेहत पर सवाल उठाए हैं, जिससे शेयर में और उतार-चढ़ाव की आशंका है. निवेशकों को ब्रोकरेज की सलाह और बैंक के अगले तिमाही नतीजों पर नजर रखनी चाहिए.