वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मोर्चे पर कुछ आश्वस्त करते हुए कहा कि डूबा कर्ज अब अपने शीर्ष स्तर को छू चुका है। उन्होंने विश्वास जताया है कि दबाव वाले छह क्षेत्रों में स्थिति सुधरने के बाद अब एनपीए के मोर्चे पर भी हालात सुधरेंगे।
वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि आगामी महीनों में वृद्धि दर में सुधार होगा। इसके लिए जेटली की उम्मीद बेहतर मॉनसून की भविष्यवाणी पर टिकी है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण मांग में सुधार होगा और निजी निवेश भी सुधरेगा। जेटली ने यह भी आशा जताई कि सरकार के सतत सुधार एजेंडा से वृद्धि को रफ्तार मिलेगी।
इंडियन वूमन प्रेस कॉर्प में एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा, 'पिछली कुछ तिमाहियों में प्रावधान किया जा रहा है, जिससे कम से कम पारदर्शिता की स्थिति बनी है। आप बैंकों के बहीखातों को छुपा नहीं सकते। जहां तक वास्तविक स्थिति का सवाल है एनपीए शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है और विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में कदम उठाए जा रहे हैं।' जेटली ने दबाव वाले छह क्षेत्रों में इस्पात, राजमार्ग, बिजली और चीनी का उल्लेख किया।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए दिसंबर, 2015 में बढ़कर 7.30 प्रतिशत हो गया, जो मार्च, 2015 में 5.43 प्रतिशत था। दिसंबर में सकल एनपीए 3,61,731 करोड़ रुपये था, जो मार्च में 2,67,065 करोड़ रुपये पर था।
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