मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुख्यालय के बाहर बुधवार को 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कराने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही. इनमें से एक महिला पूजा थीं जो नरीमन पॉइंट की झुग्गी में रहती हैं. वो लाइन में लगे लोगों से उनके नोटों को एक्सचेंज कराने के बदले पैसे लेती हैं. उन्होंने कहा कि 'आप मुझे बताइए कि आपको कितना पैसा एक्सचेंज करना है. लाइन में मेरी लड़कियां खड़ी हैं. मैं आपके लिए ये काम करा दूंगी. एक नोट के बदले मैं 500 रुपये लूंगी.'
करीब दो महीने पहले बैंकों ने 2,000 रुपये के नोटों को लेना बंद कर दिया था. BQ Prime ने छह-सात लोगों से बात की. उन्होंने बताया कि 8 अक्टूबर के बाद से लोग रोजाना RBI के दफ्तर के बाहर लाइन में खड़े हो रहे हैं.
अगर कोई इसे ध्यान से देखे तो साफ लगता है कि इस भीड़ में कुछ लोग वाकई पैसे एक्सचेंज कराने के लिए लाइन में खड़े हैं. और कुछ लोगों को बिचौलियों ने लाइन में खड़े किए हैं. 19 मई को RBI ने 2,000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान किया था. और लोगों को 30 सितंबर तक करेंसी नोटों को जमा या एक्सचेंज कराने के लिए कहा था.
इस डेडलाइन को बाद में एक हफ्ते के लिए बढ़ाकर 7 अक्टूबर तक किया गया था. इसके बीत जाने के बाद लोग 2,000 रुपये के नोटों को सिर्फ देशभर में मौजूद RBI के 19 इश्यू ऑफिस में ही बदलवा सकते हैं. लेकिन एक समय पर 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज या जमा करने पर 20,000 रुपये की सीमा है. अगर किसी के पास समय है तो वो एक लाइन में कई बार लगकर ज्यादा पैसे को एक्सचेंज या जमा करा सकते हैं.
RBI के दफ्तर के बाहर कई बिचौलिए हैं जो कई लोगों को इस काम के लिए रखते हैं. जो लाइन में लगकर 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कराते हैं. इन्हें मनी म्यूल कहा जाता है.
RBI के मुताबिक मनी म्यूल में एक व्यक्ति जिसके पास बैंक अकाउंट है, वो दूसरे व्यक्ति के नाम पर फंड्स लेता और अकाउंट में ट्रांसफर करता है. इसके लिए वो कुछ कमीशन भी लेता है. RBI के बाहर खड़े लोग अब हर 2,000 रुपये के नोट पर 1,000 रुपये या 50% तक का कमीशन ले रहे हैं. जब जमा करने वाला या म्यूल RBI में जाता है तो उसे पहचान पत्र, साइंड कॉपी, नोट साथ में रखकर एक फॉर्म भरना होता है.
पूजा ने बताया कि 'इससे पहले मैं रोजाना नोटों को बदलने के लिए दफ्तर में जाती थी. और किसी दिन आधार और कभी-कभी पैन कार्ड का इस्तेमाल करती थी. अब उनके पास मेरे रिकॉर्ड हैं. तो मैं नहीं जा सकती हूं. मुझे नए लोगों की जरूरत है.'
RBI के बाहर लोगों की भीड़ को देखते हुए लगता है कि रिजर्व बैंक को लोगों की सहूलियत के लिए बैंकों की शाखाओं में नोट जमा करने के लिए विंडो कुछ दिन के लिए फिर से खोल देना चाहिए.