ICICI बैंक आईसीआईसीआई बैंक के कई पूर्व कर्मचारियों ने अपने टर्मिनेशन को अवैध बताते हुए रीजनल लेबर अथॉरिटीज से संपर्क किया है. NDTV प्रॉफिट ने डॉक्यूमेंट्स की पड़ताल के बाद ये खबर दी है.
कोटा, मुंबई, बीकानेर, गुवाहाटी, उदयपुर, करनाल, राउरकेला और विजयवाड़ा में रीजनल लेबर कार्यालयों को बैंक के कई पूर्व कर्मचारियों से शिकायतें मिली हैं और उन्होंने बैंक और इन कर्मचारियों के बीज सुलह की कार्यवाही शुरू कर दी है. सभी शिकायतें ICICI बैंक की ओर से अवैध टर्मिनेश से जुड़ी है. ICICI बैंक ने इसे 'काम पर नहीं आने के कारण स्वैच्छिक परित्याग (abandonment) बताया है.
NDTV प्रॉफिट को एक दस्तावेज भी मिला है जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों की ओर से काम पर आना बंद करने के कारण 782 व्यक्तियों को हटा दिया गया था. संपर्क करने पर ICICI बैंक ने ऐसे किसी भी दावे से साफ इनकार किया है.
बैंक का कहना है कि उदाहरण ऐसे हैं जहां कर्मचारी - मुख्य रूप से एंट्री लेवल पर- एक नई कंपनी को ज्वाइन करने के लिए अपने पिछले संस्थान को छोड़ने से पहले सही तरीके अपनी औपचारिकताएं पूरी नहीं करते हैं. ये ट्रेंड आम तौर पर पूरी BFSI इंड्ट्री में ही देखा गया है.
इसके अलावा, ICICI बैंक ने कहा कि वो "केवल एक व्यक्ति" के बारे में जानता है जिसने लेबर अथॉरिटी से संपर्क किया है. बैंक ने कहा 'हम स्पष्ट रूप से बताना चाहेंगे कि इस मामले पर CLC/RLC की ओर से कोई प्रतिकूल आदेश नहीं है'
एक बात तय है कि ये पूर्व कर्मचारियों की ओर से बैंक के खिलाफ कोई नया आरोप नहीं है. पिछले साल जून से, चीफ लेबर कमिश्नर को बैंक के खिलाफ शिकायतें मिल रही हैं और उन्होंने संयुक्त चर्चा के लिए नोटिस जारी किए हैं.
11 नवंबर, 2024 को एक नोटिस में, चीफ लेबर कमिश्नर के कार्यालय ने एक ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ताओं और बैंक के साथ चर्चा के बाद, ये पाया गया कि मैनेजमेंट ने 'प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पर्याप्त रूप से अनुपालन नहीं किया है'.
शिकायतकर्ता और अन्य की सेवाओं को टर्मिनेट करने की कार्रवाई शुरू करना, इस तरह मैनेजमेंट की कार्रवाई अनुचित श्रम प्रथाओं के बराबर है'. CLC (C) ने बैंक मैनेजमेंट को कर्मचारियों की सेवाओं को खत्म करने के अलावा कोई अन्य नरम कार्रवाई करने के लिए भी राजी किया. NDTV प्रॉफिट ने इस नोटिस की कॉपी की समीक्षा की है.