IDBI बैंक लिमिटेड की विनिवेश प्रक्रिया सही रास्ते पर है. सरकार ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी.
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट्स मैनेजमेंट यानि DIPAM ने बताया कि ये अटकलें भ्रामक हैं कि सरकार IDBI बैंक के 4 अरब डॉलर के डिसइनवेस्टमेंट को टाल सकती है. प्राइवेटाइजेशन का सौदा सही राह पर है.
DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडे की ओर से ट्वीट किया गया कि सरकार को बोलियां (EoI) प्राप्त होने के बाद तय प्रोसेस के आधार पर बैंक के डिसइनवेस्टमेंट की प्रक्रिया चल रही है और ये EoI के बाद के चरण में है.
सरकार और LIC की ओर से IDBI बैंक में 61% हिस्सेदारी की बिक्री की जा रही है. कई इन्वेस्टर्स से सरकार को बोलियां (EoI) प्राप्त हुईं. मौजूदा समय में सरकार और LIC के पास IDBI बैंक का 94.72% हिस्सा है और इस डिसइनवेस्टमेंट के बाद बैंक में उनकी हिस्सेदारी करीब 34% रह जाएगी.
IDBI बैंक में सरकार की 30.48% और LIC की 30.24% हिस्सेदारी समेत कुल 60.72% हिस्सेदारी की बिक्री के लिए अक्टूबर में संभावित खरीदारों से बोलियां आमंत्रित की गई थीं.
आपको बता दें, डिसइनवेस्टमेंट के लिए जो भी बोलियां मिली हैं, सरकार की ओर से उनका सिक्योरिटी क्लीयरेंस और RBI से 'फिट एंड प्रॉपर' क्लीयरेंस कराया जा रहा है.