HDFC बैंक के बोर्ड ने अपनी सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज में 10,000 करोड़ रुपये तक की हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है. बैंक, HDB फाइनेंशियल के IPO में OFS यानी ऑफर फॉर सेल के माध्यम से ये हिस्सेदारी बेचेगा.
बैंक ने एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में कहा है कि HDB फाइनेंशियल के IPO में कुल 12,500 करोड़ रुपये का इश्यू होगा, जिसमें 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 10,000 करोड़ रुपये का OFS शामिल है.
कंपनी ने कहा कि प्रस्तावित IPO की प्राइस और अन्य विवरण निर्धारित समयसीमा के भीतर तय किए जाएंगे. ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रस्तावित IPO के बाद, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज रेगुलेशंस के प्रावधानों के अनुसार बैंक की सहायक कंपनी बनी रहेगी. बता दें कि सितंबर में, बैंक ने एक्सचेंजों को अपने फ्रेश इश्यू के बारे में सूचना दी थी.
अक्टूबर 2022 में केंद्रीय बैंक RBI के एक सर्कुलर के अनुसार, HDB फाइनेंशियल सितंबर 2025 तक लिस्ट होने की अनिवार्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए IPO लेकर आ रहा है.
सितंबर 2023 तक केंद्रीय बैंक के पास 15 ऊपरी-स्तर की NBFC थीं. नए कानून के अनुसार, नॉन-लिस्टेड कंपनियों को तीन साल के भीतर लिस्ट होना जरूरी है.
इस लिस्ट में अन्य नॉन-लिस्टेड लेंडर्स में टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज और पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस शामिल हैं.