JP Morgan Chase & Co के बॉन्ड इंडेक्स में भारत के शामिल होने से देश में प्राइवेट क्रेडिट मार्केट को बल मिलेगा. BPEA क्रेडिट के मुताबिक, इससे इन्वेस्टमेंट और इनफ्लो को बढ़ाने के लिए एक बेंचमार्क मिलेगा.
BPEA क्रेडिट के प्रमुख कंचन जैन ने इस मौके पर कहा, 'बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होना देश 1.2 ट्रिलियन के गवर्मेंट डेट मार्केट के लिए ऐतिहासिक पल है. एक बार जब 28 जून को ये बदलाव लागू हो जाएगा, तो किसी भी इंडियन क्रेडिट फंड की अमेरिका, कोरिया या सिंगापुर के क्रेडिट फंड से तुलना आसान हो जाएगी.'
BPEA क्रेडिट की स्थापना 2011 में हुई थी, ये अब तक भारत में 1 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुकी है. जैन कहते हैं, 'विदेशी निवेशक, जो सॉवरीन और कॉरपोरेट बॉन्ड्स के साथ-साथ दूसरे एसेट्स की तरफ नजर रखते हैं, उनके लिए नई व्यवस्था एक रिफ्रेंस प्वाइंट उपलब्ध कराएगी.'
इंडेक्स में शामिल होने जा रहे सॉवरीन बॉन्ड्स में पहले ही निवेशक अरबों डॉलर का निवेश कर चुके हैं, जिससे कॉरपोरेट नोट्स पर यील्ड्स को नीचे लाने में मदद मिली है.
इसका गैर बैंकिंग लेंडिंग मार्केट पर असर होगा. भले ही 1.7 बिलियन डॉलर के प्राइवेट लेंडिंग ग्लोबल मार्केट का भारत मे एक बहुत छोटा हिस्सा हो, लेकिन भारत को एशिया में प्राइवेट क्रेडिट सेगमेंट का हॉट स्पॉट माना जाता है.
जैन ने आखिर में कहा, 'अंतत: इससे ज्यादा ट्रांसपेरेंसी आएगी और भारत की फिक्स्ड इनकम में फंड फ्लो को बढ़ाने में मदद मिलेगी.'