अमेरिकी बैंकिंग संकट के बीच, मुश्किलों से जूझ रहा फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) बिकने जा रहा है. JP मॉर्गन चेज बैंक, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का अधिग्रहण करेगा. कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन एंड इनोवेशन ने बैंक पर ताला लगा दिया है और इस पूरे मामले के निपटारे के लिए फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को रिसीवर नियुक्त किया है.
FDIC ने इस डील के लिए JP मॉर्गन चेज बैंक (JPMorgan Chase Bank) के साथ एक परचेज और एजंपशन एग्रीमेंट किया है. FDIC का अनुमान है कि इस पूरे सौदे की लागत 13 बिलियन डॉलर आएगी.
सौदे के तहत, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के 8 राज्यों में स्थित सभी 84 दफ्तर JP मॉर्गन चेज बैंक की शाखाओं के तौर पर खोले जाएंगे. फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के सभी खाताधारक, खुद-ब-खुद JP मॉर्गन चेज बैंक के खाताधारक बन जाएंगे और उन्हें अपनी जमा राशि का पूरा एक्सेस होगा.
13 अप्रैल के रिकॉर्ड के मुताबिक, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पास 229.1 बिलियन डॉलर के एसेट्स हैं, जबकि 103.9 बिलियन डॉलर के डिपॉजिट हैं. JP मॉर्गन चेज बैंक ने फर्स्ट रिपब्लिक के लगभग सभी एसेट्स खरीदने का समझौता किया है.
हालांकि, मार्च में ये खबर आई थी कि 11 दिग्गज बैंक फर्स्ट रिपब्लिक में एक बड़ी पूंजी डालेंगे. उस वक्त, इन 11 बैंकों में JP मॉर्गन, सिटीग्रुप, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फार्गो, मॉर्गन स्टेनली, US बैंकॉर्प, ट्रुइस्ट फाइनेंशियल, PNC फाइनेंशियल के नाम सामने आए थे. कहा गया था कि ये सभी मिलकर फर्स्ट रिपब्लिक में 30 बिलियन डॉलर की एक बड़ी पूंजी डालेंगे. जिससे कि इसके डिपॉजिटर्स को पैसे निकालने में दिक्कत न हो.
लेकिन अब JP मॉर्गन चेज बैंक के सामने आने से इन कयासों पर पूरी तरह विराम लग गया है.