कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Bank) की पर्सनल लोन बुक का अधिग्रहण करेगा. इसकी जानकारी कोटक महिंद्रा बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए दी है, जिसमें उसने बताया है कि इस अधिग्रहण के लिए दोनों के बीच एक करार कर लिया गया है.
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक - 30 सितंबर, 2024 तक इस ट्रांजैक्शन की वैल्यू 4,100 करोड़ रुपये है, जिसमें स्टैंडर्ड लोन शामिल हैं और ये भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक है. सभी रेगुलेटरी मंजूरियां मिलने के बाद ये ट्रांजैक्शन अगले तीन महीने में पूरा हो जाएगा. सभी रेगुलेटरी मंजूरियां मिलने के बाद ये ट्रांजैक्शन अगले तीन महीने में पूरा हो जाएगा.
कोटक महिंद्रा बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि ये अधिग्रहण कोटक महिंद्रा बैंक के बड़े पैमाने पर बदलाव और ग्राहक-केंद्रित विकास पर ध्यान फोकस करने की रणनीति के मुताबिक ही है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की हाई क्वालिटी वाली लोन बुक कोटक महिंद्रा बैंक को समृद्ध ग्राहक वर्ग में अपनी मौजूदगी बढ़ाने में मदद करेगी और खुदरा लोन क्षेत्र में इसकी लीडरशिप को और मजबूत करेगी.
कोटक महिंद्रा बैंक का लक्ष्य मौजूदा स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर्सनल लोन ग्राहकों के लिए बिना किसी रुकावट के ट्रांजिशन को सुनिश्चित करना है. इसके लिए वो अपनी टेक्नोलॉजी विशेषज्ञता और क्वालिटी कस्टमर सर्विसेज का फायदा उठाएगी.
कोटक महिंद्रा बैंक के कंज्यूमर बैंक के हेड प्रोडक्ट्स अंबुज चंदना का कहना है कि भारत का अनसिक्योर्ड लोन मार्केट कोटक के लिए महत्वपूर्ण विकास क्षमता मुहैया करता है. खासतौर पर ऊंचे सेगमेंट में. हमारा मजबूत रिस्क मैनेजमेंट, कस्टमर सेंट्रिक प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी-संचालित दृष्टिकोण हमें सतत विकास के लिए तैयार करते हैं.
ये अशोक वासवानी के तहत किया गया पहला बड़ा अधिग्रहण है, जिन्होंने 1 जनवरी को MD&CEO के रूप में पदभार संभाला. इससे पहले, उदय कोटक के तहत, बैंक कथित तौर पर सिटीबैंक के भारतीय ग्राहकों के बिजनेस को खरीदने पर विचार कर रहा था, जिसमें क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो भी शामिल था. हालांकि, एक्सिस बैंक ने वो पोर्टफोलियो खरीद लिया था
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने 24 अप्रैल को कोटक महिंद्रा बैंक को डिजिटल चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक दिया था. कोटक महिंद्रा बैंक के IT सिस्टम में रेगुलेटर ने खामियां देखी थी, जिसके बाद ये प्रतिबंध लगाए गए थे.