RBI Monetary Policy: 3 दिन तक चली मॉनिटरी पॉलिसी की मीटिंग के बाद रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 8वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 6.5% पर बरकरार है. इसके साथ RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने कई और अहम घोषणाएं की हैं. इनमें से एक है- बल्क डिपॉजिट की लिमिट को लेकर.
RBI ने बल्क डिपॉजिट की लिमिट में बदलाव का प्रस्ताव रखा है. इसके मुताबिक, 3 करोड़ से ऊपर के डिपॉजिट को बल्क डिपॉजिट मानने का प्रस्ताव है. यानी बल्क डिपॉजिट की लिमिट बढ़ा दी जाएगी.
बल्क डिपॉजिट का मतलब बैंकों में एक बार में जमा की जाने वाली राशि से होता है. बल्क डिपॉजिट की लिमिट वो मानक होती है, जिस सीमा से ज्यादा राशि एक बार में जमा नहीं की जा सकती.
पहले ये लिमिट 2 करोड़ रुपये तक थी. अब RBI के प्रस्ताव के बाद वित्त मंत्रालय का अप्रूवल मिलते ही ये लिमिट 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी जाएगी. बैंकों को फंड जुटाने में ऑपरेशनल फ्रीडम देने के लिए ये कदम उठाया गया है.
इससे पहले वर्ष 2019 में बल्क डिपॉजिट की लिमिट बढ़ाई गई थी. उससे पहले 1 करोड़ से ज्यादा राशि को बल्क डिपॉजिट माना जाता था. यानी बैंकों में एकमुश्त जमा की जाने वाली राशि की लिमिट 1 करोड़ रुपये थी. फरवरी 2019 में ये लिमिट बढ़ा कर 2 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
फरवरी 2019 से पहले जनवरी 2013 में बल्क डिपॉजिट लिमिट को लेकर रिव्यू किया गया था. उस समय 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक रकम को बल्क डिपॉजिट की श्रेणी में रखा गया था.