UPI के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. NDTV Profit को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि NPCI बैंकों के साथ मिलकर पुल ट्रांजैक्शन (Pull Transaction) यानी मर्चेंट द्वारा ग्राहक को भेजे जाने वाले पेमेंट रिक्वेस्ट को सीमित या खत्म करने पर विचार कर रहा है.
माना जा रहा है कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम में भरोसे को बनाए रखने के लिए NPCI का ये कदम काफी अहम साबित हो सकता है. फिलहाल ये पहल शुरुआती चरण में है.
फिलहाल NPCI की बैंकों के साथ शुरुआती बातचीत चल रही है. पुल ट्रांजैक्शन की सुविधा के तहत मर्चेंट अपने ग्राहक को पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं और ग्राहक उस रिक्वेस्ट को अप्रूव कर पेमेंट कर सकता है. लेकिन येी फीचर यूपीआई फ्रॉड के मामलों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. जालसाज फर्जी मर्चेंट बनकर ग्राहकों को पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं और ग्राहक अनजाने में पेमेंट अप्रूव कर बैठते हैं.
NPCI का मानना है कि इस सुविधा को सीमित या पूरी तरह खत्म करने से UPI फ्रॉड के मामलों में कमी लाई जा सकती है. हालांकि इससे UPI पेमेंट्स की सुविधा में थोड़ी कमी जरूर आएगी, क्योंकि मर्चेंट्स के लिए ग्राहकों से सीधे पेमेंट रिक्वेस्ट भेजने का ऑप्शन नहीं रहेगा. लेकिन सुरक्षा को देखते हुए ये जरूरी कदम माना जा रहा है.
इस प्रस्ताव को लागू करने को लेकर फिलहाल कोई तय समयसीमा नहीं तय हुई है. सूत्रों के अनुसार, NPCI और बैंक मिलकर इसका विस्तृत रोडमैप तैयार करेंगे.