देश के बैंकों में डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ा है, लेकिन ये भी सच है कि ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी काफी तेजी से बढ़े हैं. RBI की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले तीन वित्त वर्षों में निजी बैंकों ने धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए हैं, लेकिन धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल राशि का एक बड़ा हिस्सा सरकारी बैंकों का है.
RBI के FY23 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में निजी बैंकों ने धोखाधड़ी के कुल 8,932 घटनाएं दर्ज कीं, जिसमें धोखाधड़ी की रकम 8,727 करोड़ रुपये थी.
जबकि PSU बैंकों (सार्वजनिक क्षेत्र) ने ऐसी 3,405 घटनाओं की सूचना दी, लेकिन अंत में शामिल राशि 21,215 करोड़ रुपये से कहीं अधिक थी.
RBI रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की संख्या में छोटे मूल्य के कार्ड/इंटरनेट फ्रॉड का सबसे ज्यादा हिस्सा है. वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU बैंक) में धोखाधड़ी मुख्य रूप से लोन पोर्टफोलियो देखी गई है.
RBI ने दूसरी ओर ये भी कहा कि कुल मिलाकर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी की राशि में गिरावट दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2022 और 2023 के दौरान पुराने फ्रॉड की RBI के एनालिसिस से पता चलता है कि फ्रॉड होने की तारीख और इसका पता लगाने के बीच एक महत्वपूर्ण समय अंतराल है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में दर्ज फ्रॉड के 94.5% मामले पिछले वित्त वर्षों में हुए हैं.
वित्त वर्ष 2021 में निजी बैंकों के साथ 3,705 फ्रॉड की घटनाएं दर्ज हुईं, जिसमें 45,515 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. जिससे धोखाधड़ी की औसत वैल्यू 12.2 करोड़ रुपये बैठती है. ऐसे में वित्त वर्ष 2023 में औसत धोखाधड़ी वैल्यू गिरकर 0.97 करोड़ रुपये हो गई है, जो ये दर्शाता है कि छोटे-छोटे धोखाधड़ी की संख्या बढ़ी है.
इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए, औसत धोखाधड़ी मूल्य (Average fraud value) वित्त वर्ष 2021 में 26.9 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2023 में 6.20 करोड़ रुपये हो गई है.
Source: RBI Data
कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट तरीकों से होने वाले फ्रॉड में देखी गई इजाफा के बीच छोटे टिकट साइज वाले फ्रॉड की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई. वित्त वर्ष 2023 में इन चैनलों से जुड़ी धोखाधड़ी की कुल 6,659 घटनाएं सामने आईं, जिनमें 276 करोड़ रुपये की रकम शामिल थी. लेकिन ऐसी बढ़ती घटनाएं इस बात पर भी रौशनी डालती है कि बैंकिंग प्रणाली में कैसे धोखाधड़ी का ट्रेंड बदल रहा है.