क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड पर जारी मास्टर सर्कुलर के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड (Debit Card) के पार्टनरशिप पर सख्ती से रोक लगा रहा है. NDTV प्रॉफिट को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, RBI (Reserve Bank of India) ने फेडरल बैंक (Federal Bank) और साउथ इंडियन बैंक (South Indian Bank) को पत्र लिखकर कहा है कि वे वनकार्ड (OneCard) के साथ अपनी पार्टनरशिप पर विचार करें.
सूत्रों से हमें मिली जानकारी के मुताबिक मामला डेटा स्टोरेज का है. दरअसल बैंकों ने अपने ग्राहकों का डेटा वनकार्ड को दिया जो नियमों के खिलाफ है. हाल ही जारी RBI के मास्टर सर्कुलर (Master Circular) के मुताबिक, कार्डधारकों की जानकारी कार्ड जारी करने वाले बैंक के पास ही रहती है, साथ ही उस डाटा पर स्वामित्व भी कार्ड जारी करने वाले के ही पास रहता है.
7 मार्च को जारी किए गए सर्कुलर में लिखा है कि
"कार्ड जारी करने वाला कार्ड से संबंधित डेटा को आउटसोर्सिंग पार्टनर (Outsourcing Partner) के साथ तब तक नहीं दे सकता जब तक कि आउटसोर्सिंग पार्टनर के साथ जानकारी को साझा करना बहुत ही जरूरी न हो."
इसमें यहां तक कहा गया है कि को-ब्रांडिंग पार्टनर, कार्ड से लेनदेन से संबंधित जानकारी भी नहीं जान सकता.
एक्सचेंज फाइलिंग से मिली जानकारी के मुताबिक,
बुधवार को फेडरल बैंक और साउथ इंडियन बैंक दोनों ने वनकार्ड का नया क्रेडिट कार्ड जारी करना बंद कर दिया है.
साथ ही फेडरल बैंक ने अपने बाकी फिनटेक पार्टनर के साथ जारी किए क्रेडिट कार्ड पर भी जांच पड़ताल शुरू कर दिया है.
बता दें कि वनकार्ड ने फेडरल बैंक और साउथ इंडियन बैंक के अलावा BoB फाइनेंशियल (बैंक ऑफ बड़ौदा का क्रेडिट कार्ड बिजनेस), CSB बैंक, इंडियन बैंक और SBM बैंक के साथ को-ब्रांडेड पार्टनरशिप की है.
डेटा स्टोरेज के मामले को लेकर RBI की ये चिंता नई नहीं है.
जुलाई 2021 में RBI कार्रवाई की थी. तब RBI ने डेटा स्टोरेज के मामले में ही मास्टरकार्ड (Mastercard) पर कार्रवाई की थी और मास्टरकार्ड पर नया डेबिट कार्ड (Debit Card), क्रेडिट कार्ड (Credit Cards) या प्रीपेड (Prepaid) कार्ड जारी करने से रोक लगा दिया था. हालांकि लगभग एक साल बाद प्रतिबंध हटा भी लिया गया था.
अप्रैल 2021 में, RBI ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प (American Express Banking Corp)और डायनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड (Diners Club International Ltd) पर भी नया कस्टमर बनाने से रोक लगा दी थी. RBI ने ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इन बैंकों को ट्रांजेक्शन से संबंधित जानकारी को स्टोर करते पाया गया था.
बाद में, डायनर्स क्लब पर से नवंबर 2021 में और अमेरिकन एक्सप्रेस पर अगस्त 2022 में रोक हटा ली गई.