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RBI गवर्नर ने लॉन्‍च किया यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस, लोन देने के मामले में आएगी तेजी! CBDC, DPI और AI पर क्‍या कहा?

गवर्नर ने अपने संबोधन में यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफॉर्म की तुलना UPI से की और कहा कि ये प्लेटफॉर्म 'लेंडिंग इकोसिस्टम' को बदलने में UPI जैसी भूमिका निभाएगा.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:58 PM IST, 26 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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केंद्रीय बैंक RBI के गवर्नर शक्तिकांता दास ने सोमवार को RBI@90 पहल के तहत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज पर आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में ULI यानी 'यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस' प्लेटफॉर्म को इंट्रोड्यूस किया. इससे क्रेडिट मूल्यांकन में लगने वाला समय कम हो जाएगा, खासकर छोटे और ग्रामीण कर्जधारकों के लिए ये सुविधाजनक होगा.

गवर्नर ने अपने संबोधन में यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफॉर्म की तुलना UPI से की और कहा कि ये प्लेटफॉर्म 'लेंडिंग इकोसिस्टम' को बदलने में UPI जैसी भूमिका निभाएगा.

दास ने कहा, 'ये प्लेटफॉर्म कई डेटा सर्विस प्रोवाइडर्स से लेकर लेंडर्स तक विभिन्न राज्यों के लैंड रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी की सहमति आधारित निर्बाध फ्लो की सुविधा देता है.'

पिछले साल हुआ था पायलट लॉन्‍च

ULI प्लेटफॉर्म पिछले साल एक पायलट लॉन्च से गुजरा था, जहां केंद्रीय बैंक ने रियल लाइफ सिचुएशंस में सिस्‍टम के प्रभाव का परीक्षण किया था. उस समय, इसे सुविधाजनक लोन के लिए पब्लिक टेक प्‍लेटफॉर्म कहा गया था.

RBI गवर्नर ने कहा, 'ULI आर्किटेक्चर में सामान्य और स्‍टैंडर्ड API हैं, जिन्हें विभिन्न स्रोतों से सूचनाओं तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 'प्लग एंड प्ले' अप्रोच के लिए डिजाइन किया गया है.

CBDC पर की जा रही है पहल

RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार ऐसी नीतियां, सिस्‍टम्‍स और प्‍लेटफॉर्म तैयार करने पर काम कर रहा है, जो वित्तीय क्षेत्र को मजबूत और ग्राहक केंद्रित बनाएंगे. उन्‍होंने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) के अलावा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के संबंध में RBI की ओर से की जा रही विभिन्न पहलों का जिक्र किया.

अलग-अलग देशों में तेज पेमेंट सिस्‍टम के उभरने और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के प्रयोग के साथ, रिमिटेंस यानी सीमा पार भुगतान में अधिक दक्षता लाने की नई संभावनाएं खुल रही हैं.
शक्तिकांता दास, गवर्नर, RBI

गवर्नर ने कहा कि UPI सिस्‍टम में विदेश पैसे भेजने के उपलब्ध माध्यमों के लिए एक सस्ता और त्वरित विकल्प बनने की क्षमता है और इसकी शुरुआत छोटे मूल्य के पर्सनल फंड रिमिटेंस से की जा सकती है, क्योंकि इसे तेजी से अप्‍लाई किया जा सकता है.'

संसद में जुलाई में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारत में रिमिटेंस 2024 में 3.7% बढ़कर 124 बिलियन डॉलर और 2025 में 4% बढ़कर 129 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक RBI@100 की ओर बढ़ने की यात्रा को लेकर काफी आशावादी है.

'कुछ वर्षों में ही कई दशक की उपलब्धि'

RBI गवर्नर ने कहा, 'पिछले दशक में पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली में अभूतपूर्व टेक बदलाव हुए हैं. संकेतों से पता चलता है कि आने वाले वर्षों में ये प्रक्रिया और भी तेज हो सकती है.'

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (DPI) को लेकर देश के अनुभव पर उन्होंने कहा, 'DPI ने भारत को एक दशक से भी कम समय में फाइनेंशियल इंक्‍लूशन के ऐसे स्तर को हासिल करने में सक्षम बनाया है, जिसे हासिल करने में कई दशक लग सकते थे.'

उन्‍होंने कहा, 'बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलाइजेशन की इस यात्रा को जारी रखते हुए, पिछले साल हमने एक टेक प्लेटफॉर्म का पायलट लॉन्च किया था, जो बिना किसी बाधा के लोन एवलेबल कराता है.' इसे ही अब ULI के तौर पर लॉन्‍च किया गया.

AI के इस्‍तेमाल पर क्‍या बोले गवर्नर?

DPI और AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर दास ने कहा कि AI प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाने में सक्षम है, हालांकि, ऐसी प्रगति गंभीर चुनौतियों के साथ आती है. पर्सनल डेटा के भंडार के मैनेजमेंट की स्थिति में डेटा प्राइवेसी की चिंता पैदा होती है. निष्पक्षता सुनिश्चित करने और पूर्वाग्रहों को रोकने के लिए AI के मोर्चे पर नैतिक नीतियां जरूरी हैं.

दास ने कहा कि AI टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए भी किया जा सकता है, जिससे DPI के साथ-साथ अन्य डिजिटल सिस्‍टम को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. वे बैंकों और अन्‍य वित्तीय संस्थानों की प्रतिष्ठा और संचालन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

गवर्नर ने कहा, 'AI काफी हद तक निर्णय लेने की प्रक्रिया का अनुकरण भी कर सकता है. हालांकि, जब रेगुलेटेड वित्तीय संस्थानों की बात आती है, तो महत्वपूर्ण फैसले लेने वाली स्थितियों में AI को सावधानीपूर्वक अपनाया जाना चाहिए.'

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