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बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए रिस्क वेटेज पर सख्ती की: शक्तिकांता दास

बैंकिंग सेक्टर के कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (CAR) और एसेट क्वालिटी काफी बेहतर है. NBFCs भी बैंकिंग सिस्टम के मुताबिक ही काम कर रहे हैं.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी01:41 PM IST, 22 Nov 2023NDTV Profit हिंदी
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बैंकों के अनसिक्योर्ड लेंडिंग के रिस्क वेटेज (Unsecured Lending Risk Weight) पर हाल में की गई सख्ती आने वाले खतरे को टालने, बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित बनाने और स्थिरता की दिशा में उठाया गया एक कदम है. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने FIBAC के इवेंट में ये बात कही.

शक्तिकांता दास ने कहा कि RBI ने कुछ सेक्शन जैसे- हाउसिंग लोन, व्हीकल लोन और छोटे बिजनेस लोन को इस सख्ती से बाहर रखा क्योंकि ग्रोथ के मोर्चे पर उन्हें इसका फायदा मिल रहा है. FIBAC के इस इवेंट को फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) संयुक्त रूप से ऑर्गनाइज कर रहे हैं.

RBI गवर्नर शक्तिकांता दास की बड़ी बातें

  • अनसिक्योर्ड लेंडिंग पर सख्ती आने वाले खतरे को टालने के लिए की गई

  • हाउसिंग, व्हीकल और छोटे बिजनेस लोन को इस सख्ती से बाहर रखा

  • वित्तीय सेक्टर को हमेशा मजबूत रहना बहुत जरूरी है

  • बैंकों का कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो, एसेट क्वालिटी काफी बेहतर स्थिति में

  • NBFCs भी बैंकिंग सिस्टम के मुताबिक ही काम कर रहे हैं

  • बैंकिंग सिस्टम में फिलहाल हम कोई नया तनाव बनते नहीं देख रहे हैं

  • हम चाहते हैं कि बैंक और NBFCs अपने स्ट्रेस टेस्टिंग को जारी रखें

  • कोर महंगाई में गिरावट से हमें भरोसा कि मॉनिटरी पॉलिसी काम कर रही है

'वित्तीय सेक्टर का मजबूत रहना जरूरी'

शक्तिकांता दास ने कहा कि वित्तीय सेक्टर को हमेशा मजबूत रहना बहुत जरूरी है, उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (CAR) और एसेट क्वालिटी काफी बेहतर है. NBFCs भी बैंकिंग सिस्टम के मुताबिक ही काम कर रहे हैं.

शक्तिकांता दास ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में फिलहाल हम कोई नया तनाव (Stress) बनते नहीं देख रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि बैंक और NBFCs अपने स्ट्रेस टेस्टिंग को जारी रखें. उन्होंने कहा कि कुछ NBFCs और माइक्रोफाइनेंस कंपनियां (NBFC-MFIs) ऊंचा इंटरेस्ट मार्जिन दर्ज कर रही हैं, हमने उनसे कहा है कि वो रिजर्व बैंक की ओर से दरों को तय करने में फ्लेक्सिबिलिटी का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें.

शक्तिकांता दास ने कहा कि भारत की घरेलू डिमांड पर निर्भरता हमें बाहरी झटकों से एक बचाती है. एसेट क्वालिटी में सुधार से बैंकों की बैलेंसशीट में भी काफी सुधार आया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डिमांड बेहतर होने से बिजनेस आउटलुक में और सुधार आया है.

'हमारी मॉनिटरी पॉलिसी काम कर रही है'

इस बीच हेडलाइन इंफ्लेशन में भी थोड़ी राहत देखने को मिली है, रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि वो पूरी तरह से कीमतों में बढ़ोतरी पर ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हेडलाइन इंफ्लेशन पर ग्लोबल चिंताओं और घरेलू मौसम का असर पड़ेगा. प्राइस स्टेबिलिटी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पॉलिसीमेकर्स के लिए बहुत जरूरी है. ब्याज दरों को बढ़ाने को रिजर्व बैंक का नपा-तुला रवैया काफी मददगार साबित हुआ है.

शक्तिकांता दास ने कहा कि कोर महंगाई दर में आ रही गिरावट ने हमें भरोसा दिया कि हमारी मॉनिटरी पॉलिसी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि RBI महंगाई दर के लक्ष्य को हासिल करने पर पूरी तरह फोकस है. दास ने कहा कि कोई भी फैसला करने से पहले कई फैक्टर्स को हम ध्यान में रखते हैं. RBI का संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहिए. डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट पर रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बावजूद रुपये में उतार-चढ़ाव कम देखने को मिला है.

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