भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिटीबैंक N.A पर 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना सिटीबैंक की ओर से बड़े लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क से संबंधित नियमों का पालन नहीं करने और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CICs) को क्रेडिट जानकारी देने में देरी करने के लिए लगाया गया है. RBI ने एक बयान में कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर 31 मार्च, 2023 को उसकी सांविधिक निरीक्षण और पर्यवेक्षण मूल्यांकन (इंस्पेक्शन फॉर सुपरवाइजरी इवैल्यूएशन) की गई थी.
रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन नहीं करने और इससे जुड़े पत्राचार के आधार पर, सिटीबैंक को एक नोटिस जारी किया गया था. इसमें बैंक से ये स्पष्टीकरण मांगा गया था कि रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन नहीं करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए. बैंक की ओर से नोटिस का जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए तर्कों पर विचार करने के बाद, देश के सेंट्रल बैंक ने पाया कि बैंक ने 'लार्ज एक्सपोजर लिमिट' से संबंधित कुछ उल्लंघनों की जानकारी देरी से दी. साथ ही, क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों से रिजेक्शन रिपोर्ट मिलने के सात दिनों के भीतर बैंक ने संबंधित डेटा को सही करके अपलोड नहीं किया था.
सिटीबैंक के अलावा, रिजर्व बैंक ने जे एम फाइनेंशियल होम लोन्स लिमिटेड पर 'नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी - हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (RBI) निर्देश, 2021' के कुछ प्रावधानों का पालन न करने के लिए 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
आसिर्वाद माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड पर भी कुछ नियमों का पालन न करने के लिए 6.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, RBI ने साफ किया कि ये जुर्माने केवल रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों के आधार पर लगाए गए हैं. इनका उद्देश्य संबंधित संस्थाओं और उनके ग्राहकों के बीच हुए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता पर कोई फैसला देना नहीं है.