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Exclusive: यस बैंक में अपनी पूरी 24% हिस्सेदारी बेचना चाहता है SBI!

आमतौर पर, किसी निजी बैंक में 10% या अधिक हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक किसी भी बोली लगाने वाले को रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होती है.
NDTV Profit हिंदीविश्वनाथ नायर
NDTV Profit हिंदी08:46 AM IST, 09 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है, खबर ये है कि SBI, यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहता है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि SBI अब यस बैंक में चार साल पहले किए गए निवेश से बाहर निकलना चाहता है.

बचाय योजना के तहत किया गया था निवेश

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक SBI ने यस बैंक में अपनी पूरी 23.99% हिस्सेदारी बेचने की इच्छा जताई है. ये निवेश मार्च 2020 में यस बैंक को बचाने के लिए स्टेट बैंक की अगुवाई में एक बचाव योजना के तहत किया गया था.

इन लोगों ने बताया कि स्टेट बैंक को अभी इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए कोई उपयुक्त खरीदार नहीं मिला है, क्योंकि वो इसके लिए संभावित योजनाओं का आकलन कर रहा है. हालांकि, इस मामले पर अंतिम फैसला रिजर्व बैंक की ओर से बोली लगाने वाले को 'फिट एंड प्रॉपर' के रूप में मंजूरी देने के बाद लिया जाएगा. यस बैंक में SBI की हिस्सेदारी के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को प्राथमिकता दी जा रही है, हालांकि, घरेलू निवेशकों पर भी विचार किया जाएगा.

रिजर्व बैंक की लेनी होती है मंजूरी

आमतौर पर, किसी निजी बैंक में 10% या अधिक हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक किसी भी बोली लगाने वाले को रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होती है. इस खबर से जुड़े सवाल यस बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को भेजे गए हैं, उनके जवाब का इंतजार है.

एक बार जब इस हिस्सा बिक्री को मंजूरी मिल जाएगी, तो रेगुलेटर की ओर से शुरू की गई सबसे बड़ी बचाव योजना का ये अंत होगा. मार्च 2020 में, SBI के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने पुनर्गठन योजना के हिस्से के रूप में अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए यस बैंक में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इसके चलते उस समय SBI की यस बैंक में 40% हिस्सेदारी हो गई थी.

बचाव के बाद, जुलाई 2020 में, यस बैंक ने भारत के सबसे बड़े फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर्स में से एक के हिस्से के रूप में 15,000 करोड़ रुपये जुटाए. तब से, यस बैंक ने जुलाई 2022 में कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट इंटरनेशनल जैसे निजी इक्विटी निवेशकों से 8,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

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