RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने NDTV प्रॉफिट हिंदी के साथ इंटरव्यू में बीते दिनों बैंकों पर हुई सख्ती पर विस्तार से अपनी बात रखी है.
NDTV ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ इंटरव्यू में दास ने कहा कि बीते दिनों उठाए गए कदम सजा देने के लिए नहीं, बल्कि करेक्टिव स्टेप्स के तौर पर उठाए गए थे. कार्रवाई के पहले संस्थानों से एक्शन प्लान भी मांगा जाता है.
बता दें पिछले दिनों एक्सिस बैंक, HDFC बैंक, कोटक महिंद्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा पर अलग-अलग वजहों से रिजर्व बैंक सख्ती कर चुका है. इसके तहत क्रेडिट कार्ड कस्टमर्स से लेकर ऑनलाइन कस्टमर्स ना जोड़ने का निर्देश दिया गया था.
दास ने कहा कि 'अब RBI गहराई से सुपरविजन कर रहा है. इसके तहत बैंक, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों का ऑन साइट के साथ-साथ ऑफ साइट सुपरविजन भी किया जाता है. हमारे पास टेक्नोलॉजी अपग्रेड होने के चलते बड़ी मात्रा में डेटा आ रहा है. सुपरविजन का वक्त कम हो गया है. अब टेक्नोलॉजी के चलते जल्दी वॉर्निंग मिल जाती है.'
बैंकों का कितना लोन गया, कितना डिपॉजिट आया, लोन री-पेमेंट की क्या स्थिति है, ओवरड्यू कंडीशन क्या है, इन सब चीजों का हम सुपरविजन कर रहे हैं.शक्तिकांता दास, गवर्नर, RBI
दास ने कहा कि 'कोई कमी सामने आने पर पहले द्विपक्षीय बातचीत की जाती है. रोडमैप और एक्शन प्लान मांगा जाता है. जब इस पर सुधार नहीं किया गया, तो हमें रिस्ट्रिक्टिव एक्शंस लेने पड़े.'
RBI प्रमुख ने कहा, 'जहां हमने सुपरवाइजरी रिस्ट्रिक्शन लगाए, वो इसलिए लगाए क्योंकि तय वक्त में गलती नहीं सुधारी गई, एक्शन नहीं लिया गया. अगर हम उसे ऐसे ही छोड़ देंगे, तो बड़ा संकट पैदा हो सकता है, जो कंज्यूमर्स को भुगतना होगा. हमारा उद्देश्य है कि डिपॉजिटर्स, कंज्यूमर्स हितों के साथ छेड़छाड़ ना हो और देश की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर इसका असर ना पड़े.'
जब RBI प्रमुख से पूछा गया कि क्या अब RBI टेक्नोलॉजिकली उस स्टेज में पहुंच गया है, जहां तुरंत गलत चीजों की वॉर्निंग मिली जाती है, तो उन्होंने कहा कि ये एक डायनामिक प्रोसेस है.
उन्होंने कहा, 'टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, दुनिया डायनामिक है. तो ऐसे में हम कभी ये नहीं कह सकते कि हम अर्ली वार्निंग की बिल्कुल सही स्टेज पर पहुंच गए हैं, क्योंकि हमारी चुनौतियां भी बदलती रहती हैं. तो ये एक सतत प्रक्रिया है.'
RBI गवर्नर ने ये भी बताया कि डेटा एनालिटिक्स, AI और बाकी तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, साथ ही AI से जुड़े एक महत्वकांक्षी प्रोग्राम पर भी काम चल रहा है.