Berhampur Bank Liquidation Case: बीते हफ्ते कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने एक ऐसे केस पर अपना फैसला सुनाया, जिसने हर किसा का ध्यान खींच लिया. दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 72 साल से लंबित देश के सबसे पुराने मुकदमों में से एक को निपटाने का काम पूरा कर दिया है. यह केस बेरहामपुर बैंक (Berhampur Bank) से जुड़ा है. यह मामला न सिर्फ 72 साल पुराना है बल्कि इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि यह मामला उस समय दर्ज हुआ था जब कलकत्ता हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव पैदा भी नहीं हुए थे. जी हां, इस मामले के दर्ज होने के पूरे एक दशक बाद यानी 1951 में प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म हुआ.
हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta high को बेरहामपुर बैंक लिमिटेड की लिक्विडेशन से जुड़े केस (Berhampur Bank Liquidation Case) पर सुनवाई से थोड़ी राहत जरूर मिली है. क्योंकि अभी भी देश के दशकों पुराने कई मामले यहां अटके हुए हैं. बेरहामपुर केस राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (National Judicial Data Grid) में 9 जनवरी तक किसी भी भारतीय कोर्ट में सुना जाने वाले सबसे पुराने मामले के रूप में दर्ज है.
आपको बता दें कि यह मामला तब सामने आया था जब कलकत्ता हाईकोर्ट ने 19 नवंबर 1948 को दिवालिया होने के साथ कई मुकदमों में उलझ चुके बेरहामपुर बैंक को बंद करने का आदेश दिया था. जिसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा बैंक को बंद करने के आदेश को चुनौती देते हुए 1 जनवरी, 1951 को मामला संख्या 71/1951 के रूप में एक याचिका दायर की गई थी.