डिजिटल की दुनिया में भारत की धाक बढ़ रही है. साल 2030 तक देश की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री अपनी कमाई को दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के रास्ते पर है.
नैसकॉम (NASSCOM) ने मुंबई में 'नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम 2023' के मौके पर अपनी 'रणनीतिक समीक्षा 2023- प्राइमिंग फॉर ए 'नो नॉर्मल' फ्यूचर' रिपोर्ट जारी की.
नैसकॉम का अनुमान है कि FY22 में भारतीय टेक सेक्टर 8.4% बढ़कर 245 अरब डॉलर का होगा. वहीं, अपनी रणनीतिक समीक्षा में नैसकॉम ने कहा कि FY 2021-22 में टेक सेक्टर की कुल कमाई 226 अरब अमेरिकी डॉलर थी.
इस दौरान IT सर्विस एक्सपोर्ट के साल-दर-साल 11.4% बढ़कर 194 अरब डॉलर होने का अनुमान है. घरेलू आय भी सालाना आधार पर 13% बढ़कर 4.12 लाख करोड़ रुपये (लगभग 50 बिलियन डॉलर) होने का अनुमान है.
नैसकॉम के प्रेसिडेंट देबजानी घोष ने कहा, 'आज हम जिस असामान्य माहौल में रह रहे हैं, उसमें इंडस्ट्री का ध्यान ग्रोथ के लिए निवेश पर केंद्रित है.'
उन्होंने कहा, फारवर्ड पालिसी, गवर्नेंस और डिजिटल ट्रस्ट से प्रेरित टेक सेक्टर 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के रास्ते पर है.
एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट के रूप में उभरे हैं. लगभग 50% इंडस्ट्री अपने कुल IT बजट का 20% से अधिक डिजिटल पर खर्च कर रही है.
इसमें अच्छी बात ये है कि ग्लोबल केप्टिव सेंटर्स (GCC) का भारत में लगातार विस्तार हो रहा है.
वैश्विक तौर पर लगभग 40% GCC मौजूदा समय में भारत हैं, जिससे यहां अवसर तेजी से बढ़ने का पता चलता है. भारत ने एक साल में 65 नए GCC जोड़े हैं, जिसके साथ ही इनकी कुल संख्या बढ़कर 1,570 से ज्यादा हो गई है.
भारत में साल 2022 में 1,300 नए स्टार्टअप बने साथ ही 23 यूनिकॉर्न भी खड़े हुए हैं.
नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक FY23 में भारत की IT वर्कफोर्स 54 लाख थी. जिसमें से 36% महिलाएं थीं. इनमें से 20 लाख डिजिटली स्किल्ड हैं. इस इंडस्ट्री में FY23 में 2.9 लाख नए रोजगार पैदा हो रहे हैं.
नैसकॉम के चेयरपर्सन कृष्णन रामानुजम ने कहा कि कई अनिश्चितताएं बरकरार हैं. आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई की वजह निर्णय लेने में देरी के कारण कुछ बाजारों में मांग में कमी आई है. नए नियमों के साथ-साथ रोजगार की कमी नई चुनौतियों के रूप में उभर रही हैं.
नैसकॉम के चेयरपर्सन कृष्णन रामानुजम ने कहा, 'FY23 इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहा है, वैश्विक परिस्थितियों के खराब होने के बावजूद ये सेक्टर अपनी स्थिति को मजबूत करने में सक्षम रहा है.