इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस (Prosus) ने बायजूज (Byju's) में अपने निवेश को डूबा हुआ मान लिया है. Naspers के स्वामित्व वाली प्रोसस ने बायजूज में अपनी पूरी हिस्सेदारी को राइटऑफ कर दिया है.
अपनी अर्निंग रिपोर्ट में इन्वेस्टमेंट ग्रुप ने कहा, 'मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रुप ने बायजूज में कुल 9.6% हिस्सेदारी को राइट ऑफ किया है. ऐसा इक्विटी इन्वेस्टर्स की वैल्यू में आई गिरावट के बाद लगाए गए अनुमान के चलते किया गया. ये कुल 493 मिलियन डॉलर (करीब 4100 करोड़ रुपये) का नुकसान है.'
बायजूज के सबसे बड़े इन्वेस्टर्स में शामिल प्रोसस का फर्म में 493 मिलियन डॉलर का निवेश बचा था. पिछले साल भी फर्म ने अपने निवेश की वैल्यू को कम किया था. तब फर्म ने बायजूज का वैल्यूएशन 22 बिलियन डॉलर से कम कर सीधे 3 बिलियन डॉलर कर दिया था. Macquarie Capital और ब्लैकरॉक जैसे दूसरे इन्वेस्टर्स ने भी बायजूज में अपने निवेश का वैल्यूएशन कम किया है.
बता दें प्रोसस के साथ-साथ जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक XV बायजूज के खिलाफ कुप्रबंधन के आरोपों के साथ मुकदमा लड़ रहे हैं. निवेशकों को बायजूज के मौजूदा बोर्ड द्वारा कंपनी को मैनेज किए जाने के तरीकों पर आपत्ति थी. निवेशकों के इस ग्रुप ने बायजू रवींद्रन को पद से हटाने की अपील की थी.
बायजूज अपने 200 मिलियन डॉलर के राइट इश्यू पर भी कानूनी चुनौतियों का सामना कर रही है. ये राइट इश्यू महज 20-25 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर किया जा रहा है, जो इसके 22 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन से 99% कम है.
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की बंगलुरु बेंच ने स्टार्टअप को मौजूदा स्थिति बनाए रखने और राइट इश्यू से मिले पैसे के इस्तेमाल से रोक दिया है.
इससे पहले प्रोसस के डायरेक्टर्स ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. तब डायरेक्टर ने कहा था कि कानूनी और कॉरपोरेट गवर्नेंस में स्ट्रैटेजिक और ऑपरेशनल मामलों में उनकी सलाह को बायजूज ने लगातार नजरंदाज किया है.