केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार 31 जनवरी को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 (Economic Survey 2022) पेश किया. केंद्रीय बजट (Union Budget 2023-24) को पेश करने से एक दिन पहले देश का आर्थिक सर्वे प्रस्तुत किया जाता है. बजट से पूर्व संसद में वित्त मंत्री देश की आर्थिक दशा की जो आधिकारिक रिपोर्ट पेश करते हैं, वह इकनॉमिक सर्वे या आर्थिक सर्वे कहलाता है.
आज से शुरू हो रहे बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं. यह परंपरा है और इसे इस बार भी निभाया गया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सरकार द्वारा आर्थिक सर्वे पेश किया गया.
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण
इसके तहत देश की आर्थिक हालत का पूरा ब्यौरा पेश संसद में पेश किया जाता है. बीते साल में देश में विकास का ट्रेंड क्या रहा, किस क्षेत्र में क्या हुआ और कितना निवेश हुआ, किस क्षेत्र में कितना विकास हुआ, किन योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया, जैसे सभी पहलुओं पर इस सर्वे में बताया जाता है. देश की अर्थव्यवस्था, पूर्वानुमान और नीतिगत स्तर पर चुनौतियों संबंधी विस्तृत सूचनाओं का भी इसमें समावेश होता है. इसमें क्षेत्रवार हालातों की रूपरेखा और सुधार के उपायों के बारे में बताया जाता है. यह सर्वेक्षण भविष्य में बनाई जाने वाली नीतियों के लिए एक आधार का काम करता है.
आर्थिक सर्वेक्षण चूंकि देश की आर्थिक स्थिति का बताता है, इसलिए इसके जरिए आगामी बजट में किन क्षेत्रों पर फोकस होगा, इसका एक अनुमान लगाया जा सकता है. हालांकि, यहां बता दें कि यह सर्वे केवल सिफारिशें हैं और इन्हें लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती है. सरकार इन्हें केवल निर्देशात्मक रूप से लेती है.
आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ वित्त और आर्थिक मामलों की जानकारों की टीम तैयार करती है. इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार वी नागेश्नेवरन ने आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा है.