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पैसे की कमी से जूझ रही Byju's ने नोटिस पीरियड घटाया, सैलरी चुकाने के लिए फाउंडर रवींद्रन रख चुके हैं घर गिरवी

लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 कर्मचारियों के लिए नोटिस पीरियड को घटाकर 15 दिन कर दिया गया है. पहले ये 30 से 60 दिनों के बीच हुआ करता था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:40 AM IST, 06 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
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फंड की कमी से जूझ रही एडटेक स्टार्टअप बायजूज ने अपने कर्मचारियों का नोटिस पीरियड घटा दिया है.

लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 कर्मचारियों के लिए नोटिस पीरियड को घटाकर 15 दिन कर दिया गया है. पहले ये 30 से 60 दिनों के बीच हुआ करता था.

इनमें एक्जीक्यूटिव्स, एसोसिएट्स, स्पेशलिस्ट; सीनियर एक्जीक्यूटिव्स, सीनियर एसोसिएट्स, सीनियर स्पेशलिस्ट और टीम लीड्स शामिल हैं. BQ प्राइम ने इस ईमेल की कॉपी देखी है.

लेवल-4 कर्मचारियों के लिए अब नोटिस पीरियड 60 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया गया है. इनमें असिस्टेंट मैनेजर्स और उनसे ऊपर के कर्मचारी आते हैं.

कंपनी ने ईमेल में लिखा, 'पूरे ऑर्गेनाइजेशन में हमारी नीतियों में निरंतरता लाने के लिए हम सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए नोटिस पीरियड में एक जैसा बदलाव कर रहे हैं.'

फंड जुटाने की कोशिश में रवींद्रन

बुधवार को ही खबर आई थी कि कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए रवींद्रन अपने और परिवार के नाम पर दर्ज घरों को गिरवी रख रहे हैं.

दरअसल रवींद्रन 12 मिलियन डॉलर इकट्ठा करना चाहते हैं. इसका इस्तेमाल वे बायजूज की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न के 15,000 कर्मचारियों को सैलरी देने में करेंगे. जानकारों ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर करीब 400 मिलियन डॉलर इकट्ठे किए हैं और अपनी कंपनी में अपने हिस्से के सारे शेयर गिरवी रख दिए हैं.

लेकिन ये उस लंबी चेन की ताजा कड़ी है, जिसके चलते एक वक्त देश का सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप रहा बायजूज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है.

1.5 साल में 86% वैल्यूएशन साफ

29 नवंबर को निवेशक प्रोसस ने बायजूज का वैल्यूएशन 3 बिलियन डॉलर से नीचे कर दिया. महज 1.5 साल पहले तक कंपनी का वैल्यूएशन करीब 22 बिलियन डॉलर था. मतलब 2 साल में 86% वैल्यूएशन साफ हो गया.

इससे पहले इसी साल प्रोसस ने वैल्यूएशन को घटाकर 5.14 बिलियन डॉलर किया था. बता दें 2018 में प्रोसस ने 536 मिलियन डॉलर का निवेश कर बायजूज में 9.6% हिस्सेदारी खरीदी थी.

प्रोसस ने जुलाई में बायजूज के बोर्ड से भी इस्तीफा दे दिया था. कंपनी के काम करने के तरीकों पर जारी विवाद के बीच प्रोसस ने कहा कि मैनेजमेंट के बारे में उनकी सलाह को लगातार नजरंदाज किया गया, जिसके चलते उन्हें ये कदम उठाना पड़ा.

28 नवंबर, 2023: BCCI पहुंचा NCLT

28 नवंबर को खबर आई कि BCCI और बायजूज का कॉन्ट्रैक्ट विवाद NCLT पहुंच गया. 8 सितंबर को BCCI ने इन्सॉलवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत बायजूज के खिलाफ NCLT बेंगलुरु में अपील दायर की है.

बायजूज 2019 से इस साल जनवरी तक भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का स्पॉन्सर रहा था. अब मामले में 22 दिसंबर को सुनवाई होगी.

अप्रैल, 2023: ED ने की थी छापामारी

अप्रैल, 2023 में ED ने FEMA कानूनों के संभावित उल्लंघन को लेकर बेंगलुरु में Byju's के ठिकानों पर छापेमारी की थी. हालांकि, रवींद्रन ने तुरंत ही डैमेज कंट्रोल करते हुए कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी कि कंपनी ने सभी कानूनों का पालन किया है.

बोर्ड मेंबर्स ने दिया था इस्तीफा

इसके अलावा कंपनी के बोर्ड में शामिल तीन अहम सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया था इनमें Peak XV पार्टनर्स के GV रविशंकर, Prosus के Russell Dreisenstock और Chan Zuckerberg Initiative के Vivian Wu शामिल हैं.

जून, 2023: ऑडिटर डेलॉयट ने दिया था इस्तीफा

कंपनी के ऑडिटर डेलॉयट ने 22 जून, 2023 को इस्तीफा दे दिया था. कारण बताया गया- पिछले वित्त वर्ष के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को रिलीज ना करना. डेलॉयट ने कहा कि इसके चलते वे समय पर ऑडिट शुरू नहीं कर पाए. ऊपर से Byju's से उन्होंने जिन अंडरलाइंग बुक्स, रिकॉर्ड्स और दूसरे दस्तावेजों की मांग की थी, वो भी उपलब्ध नहीं कराए गए.

डेलॉयट को 5 साल के लिए 1 अप्रैल, 2020 को बायजूज का ऑडिटर नियुक्त किया गया था. डेलॉयट का कार्यकाल 31 मार्च, 2025 को पूरा होना था.

छंटनी का दौर

वैल्यूएशंस कम हुए, फंडिंग का कुआं सूखा, तो गाज गिरी कर्मचारियों पर. जून, 2022 में ले-ऑफ के पहले राउंड में Byju's की अलग-अलग कंपनियों से 500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. कहा गया कि ऐसा बिजनेस प्राथमिकताओं को फिर से सुदृढ़ करने और लॉन्ग टर्म ग्रोथ को मजबूती देने के लिए किया गया है.

अक्टूबर 2022 में Byju's ने 5% स्टाफ की कटौती की घोषणा कर दी. कुल 2,500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया.

जून, 2023 में कंपनी ने एक और ले-ऑफ राउंड के तहत 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इस तरह कंपनी बीते एक साल में 4,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल चुकी है.

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