सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के करीब 10 बैंकों में 12,517 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस पूंजी से बैंकों को पूंजी पर्याप्तता नियमों को पूरा करने में मदद मिलेगी और साथ ही पहले से ज्यादा कर्ज वह उपलब्ध करा सकेंगे।
सरकार ने वर्ष 2018-19 तक बैंकों को उनकी जरूरत के आधार पर और पूंजी उपलब्ध कराने को भी सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी है। बैंकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य बेसल तीन नियमों के अनुरूप पूंजी पर्याप्तता और एनपीए जैसे मानकों पर खरा उतरना है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा, वित्तमंत्री द्वारा 16 मार्च, 2012 को की गई घोषणा के बाद हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डाल रहे हैं। हम चालू वित्तवर्ष की समाप्ति से पहले बैंकों में 12,517 करोड़ रुपये की पूंजी डाल देंगे। चिदंबरम ने कहा, हमारा मानना है कि नौ से 10 बैंकों को यह पूंजी मिलेगी... इस पूंजी से बैंकों को उनकी जोखिम वाली परिसंपत्तियों के समक्ष रखी जाने वाली टीयर एक पूंजी औसत को उचित स्तर पर बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जब कभी भी बेसल तीन नियम लागू होंगे, बैंकों को उनके पूंजी पर्याप्तता मानकों को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि बैंकों के नाम, प्रत्येक बैंकों को दी जाने वाली पूंजी और इसके नियम एवं शर्तों के बारे में पूंजी डालते समय बैंकों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही तय होंगे।