प्रधानमंत्री द्वारा तेल एवं गैस अनुबंधों की समीक्षा पर गठित रंगराजन समिति ने बुधवार को कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के पास खर्चों के ऑडिट करने का अधिकार है और इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सी रंगराजन ने कहा, ‘‘ऑडिट कैग का विशेष अधिकार है और ऑडिट की शक्ति कैग के पास है।’’ रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्वी अपतटीय क्षेत्र में स्थित केजी-डी6 गैस फील्ड में किए गए खर्च का कैग द्वारा ऑडिट को लेकर उठ रहे सवाल के बीच उन्होंने यह बात कही है।
आरआईएल की दलील है कि कैग की तरफ से वित्तीय लेखा परीक्षा के लिए वह तैयार है लेकिन उत्पादन साझेदारी अनुबंध के तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को क्षेत्र के कार्यप्रदर्शन के ऑडिट का अधिकार नहीं देता।
रंगराजन ने कहा कि कम मूल्य वाले ब्लॉक का ऑडिट कैग द्वारा गठित समिति कर सकती है वहीं, उच्च मूल्य वाले ब्लॉक का ऑडिट कैग सीधे कर सकता है।
अपनी रिपोर्ट में रंगराजन समिति ने मौजूदा लागत वसूली माडल को खत्म करने का सुझाव दिया है। इसके तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को सरकार के साथ लाभ साझा करने से पहले पहले निवेश राशि प्राप्त करने की अनुमति है।
कैग ने इस मॉडल की आलोचना की है। उसका कहना है कि इससे कंपनियां सरकार के साथ लाभ साझा करने से बचने के लिए लागत बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित होती हैं।