ADVERTISEMENT

कैपिटल एक्सपेंडीचर क्या है जिसे निर्मला सीतारमण ने बजट में 33 फीसदी बढ़ाया, इसका फायदा समझें

कंपनी के लिए पूंजीगत खर्च (Capital expenditure कैपेक्स) का मतलब हुआ कि जो पैसा उसने जमीन, संयंत्र, इमारतों, प्रौद्योगिकी या उपकरण, टेबल चेयर आदि जैसी संपत्तियों को खरीदने के लिए किया और इसे जरूरत के हिसाब से बदलाव करने में जो खर्च किया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी12:30 PM IST, 02 Feb 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

बजट 2023 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल इनवेस्टमेंट को बढ़ाने की बात कही. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के आधारभूत ढांचे को लेकर को कई बातें कहीं और बताया कि सरकार की क्या सोच है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आधारभूत ढांचा या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सरकार ने कैपिटल इंवेस्टमेंट 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ये देश की जीडीपी के 3.3 फीसदी के बराबर है. वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड की तर्ज पर शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड बनाया जाएगा. आखिर कैपेक्स क्या है. आप इसे सरकार की ओर से कैपिटल इनवेस्टमेंट कह सकते हैं. कैपेक्स से देश को क्या फायदा होता है. एक कंपनी के दृष्टिकोण में कैपेक्स और सरकार की दृष्टि में कैपेक्स क्या है. 

इसे ऐसे समझा जा सकता है कि कंपनी के लिए पूंजीगत खर्च (Capital expenditure कैपेक्स) का मतलब हुआ कि जो पैसा उसने जमीन, संयंत्र, इमारतों, प्रौद्योगिकी या उपकरण, टेबल चेयर आदि जैसी संपत्तियों को खरीदने के लिए किया और इसे जरूरत के हिसाब से बदलाव करने में जो खर्च किया है. कई बार कंपनियां अपने विस्तार में भी कैपेक्स का इस्तेमाल करती हैं. इस प्रकार का इनवेस्टमेंट लंबे समय के लिए होता है. कंपनियां साल दर साल इस निवेश का लाभ उठाते हुए अपनी ग्रोथ करती हैं. ऐसे खर्च को कंपनियां अपने लिए निवेश के रूप में भी देखती हैं. 

कंपनी को इस प्रकार अपनी देनदारी को कम करने में भी लाभ मिलता है. साथ ही कंपनी का विकास साथ साथ होता है. सरकार की ओर रोजगार सृजन के लिए कंपनियों को ऐसा लाभ दिया करती है. अभी तक इसे खर्च के रूप में कहा जा रहा है. लेकिन देखा जाए तो यह कंपनी के लिए एसेट बनाने के समान है. 

इसी प्रकार अब इसे देश के हिसाब से समझा जा सकता है. सरकार देश में सड़कों का जाल बना रही है. तमाम सरकारी योजनाओं के अलावा, एयरपोर्ट, पोर्ट से लेकर अन्य विकास की योजनाओं पर खर्च किया जाता है जिससे देश के लोगों को सीधा और परोक्ष लाभ मिले. इसे पैसे के प्रयोग सरकार योजनाओं जैसे कोई फैक्टरी लगाने, या अन्य किसी प्रयोजन के लिए जमीन खरीदने के लिए करती है. अस्पताल, स्कूल, कोई मशीनरी, शिक्षा आदि क्षेत्र में सरकार इस पैसे का निवेश करती है.

अब आप समझ सकते हैं कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को कैसे लाभ मिलता है. सड़कों से रोजगार, इलाके का विकास, ट्रांसपोर्ट में सुविधा, लोगों के आवाजाही में सुविधा, स्वास्था सुविधा का सुगम होगा आदि आप समझ सकते हैं. मशीनरी, स्कूल का लाभ आप जानते हैं.  

सरकार कई प्रकार के एसेट बनाने में भी इस प्रकार के फंड का इस्तेमाल करती है जिससे की सरकार का काम भी सुचारू रूप से चलता रहे. अब आप इस पर कंफ्यूज मत होना कि रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और ये दोनों ही एक हैं. नहीं रेवेन्यू में सैलरी, इनटरेस्ट पेमेंट, सब्सिडी, पेंशन आदि का भुगतान किया जाता है. 

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT