वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने के अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुमान को चुनौती देते हुए उसे अपने आकलन के तरीके की समीक्षा करने को कहा है। इसके साथ वित्त मंत्री ने आईएमएफ की निगरानी गतिविधियों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया है।
वित्तमंत्री डल्ब्यूईओ के जुलाई अपडेट में भारत की वृद्धि दर 5.6 फीसद रहने के अनुमान के बारे में बोल रहे थे। इसे अब उल्लेखनीय रूप से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया गया है। वित्तमंत्री ने शुक्रवार को कहा, ‘हम इस निराशाजनक परिदृश्य से सहमति नहीं रखते हैं। हमारा यह भी मानना है कि वृद्धि अनुमान के तौर तरीके की नए सिरे से समीक्षा किए जाने की जरूरत है। पूर्व में भी आईएमएफ के अनुमान अंतिम वृद्धि आंकड़ों से अलग रहे हैं।’
वित्तमंत्री ने कहा कि हाल के वित्तीय बाजार घटनाक्रम ने सभी को हैरान किया है। चिदंबरम ने कहा कि महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्यों कोष का मौजूदा निगरानी तंत्र बाजार के प्रभाव का अंदाजा लगाने में विफल रहा है।
इससे पहले इसी सप्ताह चिदंबरम ने वाशिंगटन में कहा था कि 2013-14 में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 फीसद से अधिक की दर से बढ़ेगी और संभवत: वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।