राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में 4.50 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी बढ़ोतरी की गई है। दिल्ली में तीन माह में सीएनजी के दाम दूसरी बार बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही पाइपों के जरिये आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) का दाम भी 5.15 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गया है। नई दरें मध्यरात्रि से लागू होंगी।
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने कहा है कि दिल्ली में अब सीएनजी की नई दर 50.10 रुपये प्रति किलोग्राम होगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद में इसका भाव 56.70 रुपये किलोग्राम होगा।
दिल्ली में दो माह में 30 घनमीटर तक की खपत पर पीएनजी का भाव 27.50 रुपये से बढ़कर 29.50 रुपये प्रति इकाई हो गया है। वहीं 30 मानक घन मीटर से अधिक की खपत पर पीएनजी के प्रति इकाई दाम 52 रुपये होंगे।
उत्तर प्रदेश में भिन्न कर ढांचे की वजह से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद में दो माह में 30 यूनिट की खपत तक पीएनजी का दाम 29 की बजाय अब 31 रुपये प्रति इकाई होगा। वहीं 30 इकाई से अधिक की खपत पर दिल्ली के आसपास के इन शहरों में पीएनजी का दाम 54 रुपये प्रति इकाई (घन मीटर) होगा।
इससे पहले, सीएनजी के दाम सितंबर में बढ़े थे। उस समय इसकी कीमतों में 3.70 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा किया गया था। सितंबर में सीएनजी के दाम 41.90 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 45.60 रुपये प्रति किलोग्राम हुए थे। इसके साथ ही उस समय पीएनजी के दाम 24.50 रुपये प्रति इकाई से बढ़ाकर 27.50 रुपये प्रति इकाई किए गए थे।
दिल्ली में सीएनजी व पीएनजी का वितरण करने वाली एकमात्र कंपनी आईजीएल ने कहा है कि उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ा है। आईजीएल ने कहा कि देशभर में सभी शहर गैस वितरण कंपनियों को घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस मात्रा का नए सिरे से आवंटन करने की वजह से ऐसा हुआ है।
आईजीएल ने कहा, हमें मिलने वाली एपीएम गैस का आवंटन घटा है। इसकी वजह से हमें बाजार मूल्य पर अधिक आयातित आर-एलएनजी खरीदनी पड़ रही है। इससे हमारी कुल उत्पादन लागत में 13 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। बयान में कहा गया है, इसके अलावा परिचालन खर्च बढ़ा है। सरकार द्वारा अक्टूबर, 2013 से न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की घोषणा से इसमें बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने कहा है कि आईजीएल को दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद के लिए आवंटित कुल घरेलू गैस में करीब 5 फीसदी की कमी आई है।
हालांकि, इसके साथ ही आईजीएल ने स्पष्ट किया है कि इस बढ़ोतरी से वाहनों की प्रति किलोमीटर दौड़ने की लागत पर विशेष असर नहीं पड़ेगा। तिपहिया के लिए यह बढ़ोतरी 13 पैसे प्रति किलोमीटर की होगी, वहीं टैक्सी के लिए प्रति किलोमीटर लागत 22 पैसे बढ़ेगी। बसों के लिए प्रति किलोमीटर लागत में 1.30 पैसे का इजाफा होगा।