कंपनियों के पास शेयरधारकों का 1,101 करोड़ रुपये का लाभांश बिना दावे अथवा बिना भुगतान के पड़ा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड 113 करोड़ रुपये ऐसी लाभांश राशि के साथ सबसे शीर्ष पर है। यह जानकारी संसद को दी गई।
कारपोरेट कार्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 1,406 कंपनियों के पास 1,101 करोड़ रुपये से कुछ अधिक लाभांश बिना दावे के पड़ा है।
कंपनियों द्वारा लाभांश घोषित करने के 30 दिन के भीतर उसका भुगतान निवेशकों को करना होता है। बिना दावे अथवा भुगतान नहीं हुए ऐसे धन को अगले सात दिन के अंदर ‘बिना दावे वाले लाभांश खाते’ में हस्तांतरित करना जरूरी होता है।
इस खाते में सात साल तक बिना दावे के धन पड़ा रहने पर राशि को ‘निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (आईईपीएफ)’ में डाल दिया जाता है। इसके बाद कंपनी के खिलाफ लाभांश का कोई दावा नहीं किया जा सकता।
मंत्री ने ‘एमसीए 21’ पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी का हवाला देते हुए कहा ‘1,406 कंपनियों के पास बिना दावे के और बिना भुगतान के 1,101.35 करोड़ रुपये की राशि पड़ी हुई है।’ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इस मामले में सबसे ऊपर है। रिलायंस के पास 113 करोड़ रुपये बिना दावे का पड़ा है। इसके बाद आईटीसी के पास 74.34 करोड़ रुपये, हिन्दुस्तान यूनिलीवर के पास 49.05 करोड़, हीरो मोटोकार्प के पास 40.22 करोड़ और टाटा स्टील 38.53 करोड़ रुपये पड़ा है।
अन्य कंपनियों में लक्ष्मी विलास बैंक (34.14 करोड़), आईसीआईसीआई बैंक (19.17 करोड़ रुपये) लार्सन एण्ड टुब्रो (18.69 करोड़) और आईडीबीआई बैंक (13.59 करोड़ रुपये) प्रमुख हैं।