Coronavirus Impact: पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट की वजह से अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार कमज़ोर पड़ती जा रही है और एक्सपोर्ट सेक्टर पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ रही है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2020 में एक्सपोर्ट सेक्टर में 34 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट दर्ज़ हुई है. अब भारतीय एक्सपोर्टर 6 महीने तक हर तरह के टैक्स को स्थगित करने और लोन पर मोरेटोरियम बढ़ने की मांग कर रहे हैं.
कोरोना और लॉकडाउन का साया एक्सपोर्ट सेक्टर पर गहराता जा रहा है. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक एक्सपोर्ट तेज़ी से गिरा है. मार्च 2020 में एक्सपोर्ट 21.41 बिलियन डॉलर का रहा जबकि मार्च 2019 में एक्सपोर्ट 32.72 बिलियन डॉलर का था. यानी कुल गिरावट 34.57 % की रही है.
एक्सपोर्ट सेक्टर की बदहाली ज़मीन पर साफ़ दिखाई दे रही है. एनडीटीवी की टीम जब दक्षिणी दिल्ली की एक कारपेट एक्सपोर्ट यूनिट में पहुंची तो वहां की तस्वीर अच्छी नहीं थी. यहां 95 फीसदी तक डिमांड अमेरिका और यूरोपीय बाज़ारों से आती है जो कोरोना संकट की वजह से काफी कमज़ोर हो गई है. इस एक्सपोर्ट यूनिट में कारपेट की इन्वेंटरी लगातार बढ़ती जा रही है. सामान बिक नहीं रहा क्योंकि अमेरिका-यूरोप में हाई-एन्ड कारपेट की मांग घटती जा रही है. कारपेट एक्सपोर्टर ओपी गर्ग ने कहा कि कश्मीरी सिल्क कारपेट बनाने में डेढ़ साल लगते हैं. इसे तैयार करने में 1.5 लाख लगता है. अब इसकी डिमांड गिरती जा रही है.
दरसअल कई सेक्टरों के एक्सपोर्टरों का माल दुनिया भर के एयरपोर्टों और पोर्टों पर फंसा हुआ है. सरकार से राहत की मांग के सवाल पर ओपी गर्ग ने कहा कि लोन पर मोरेटोरियम तीन महीने से बढ़ाकर छह महीने किया जाए. हर तरह का टैक्स छह महीने के लिए स्थगित किया जाए.
इससे पहले उद्योग संघ फिक्की और एसोचेम भी टैक्स पेमेंट में राहत की मांग कर चुके हैं. अब देखना अहम होगा कि सरकार कमज़ोर पड़ती अर्थव्यवस्था को संभालने और एक्सपोर्टरों को राहत देने के लिए आगे क्या बड़ी पहल करती है.