ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में अग्रणी अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने हाल ही में 6 महीने का ESG कंपेनडियम जारी किया है. इसके मुताबिक, अगले 10 साल में अदाणी ग्रुप, ग्रीन एनर्जी में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है.
ये ग्रुप के डीकार्बोनाइजेशन के रास्ते में अहम तरक्की और ग्लोबल नेट जीरो के टारगेट को हासिल करने की महत्वाकांक्षा को दिखाता है. बता दें कि अदाणी ग्रीन एनर्जी ने रिन्यूएबल स्रोतों से ऊर्जा निर्माण के लिए 2 सब्सिडियरी कंपनियां भी बनाई है.
अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अदाणी पोर्ट्स एंड SEZ, ACC और अंबुजा सीमेंट, अपनी इन 5 कंपनियों के लिए अदाणी ग्रुप ने साल 2050 या उससे पहले नेट-जीरो बनने का टारगेट रखा है.
अदाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि वो अगले 10 साल में ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा. ग्रुप के पास डीकार्बोनाइजिंग के साथ-साथ साल 2030 तक 10 करोड़ पौधे लगाने और हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक ट्रक के डेवलपमेंट समेत इनोवेटिव पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की एक्टिव स्ट्रैटजी है.
अदाणी ग्रुप ने गुजरात के पश्चिमी तट पर अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम को डेवलप करने की स्ट्रैटजी भी बताई है. ये इकोसिस्टम पूरी तरह से इंटिग्रेटेड वैल्यू चेन पर आधारित है.
वहीं, नेट-जीरो ट्रांजिशन के रोडमैप के लिए LMGHS (Last-Mile Green Hydrogen Solutions) की जरूरत होगी. ग्रीन हाइड्रोजन साॅल्यूशन को संभव बनाने के लिए अदाणी ग्रुप बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल एनर्जी और एंड-टू-एंड EPC (Engineering, Procurement and Construction) क्षमताओं से लैस है.
आइए बात करते हैं, अदाणी ग्रुप की कुछ और उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में.
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस की सहायक कंपनी 'अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई' ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी 38.3% तक बढ़ा दी है. इससे मुंबई सभी मेगासिटीज के बीच रिन्यूएबल एनर्जी का अग्रणी खरीदार बन चुका है. अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अदाणी ग्रीन एनर्जी के बीच सहयोग से ये संभव हो पाया है.
सस्टेनलिटिक्स के मुताबिक दुनिया की सबसे ज्यादा रेटिंग वाली यूटिलिटी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी ने वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती 6 महीने में सभी ऑपरेशनल साइट्स के लिए लैंडफिल में जीरो वेस्ट का टारगेट हासिल किया है. इसके साथ ही 200 मेगावाट या उससे ज्यादा की सभी साइटों पर नेट वॉटर पॉजिटिव हो गया है.
कंपनी ने अपनी कम लागत वाली इंटिग्रेटेड ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में 10 गीगावॉट सोलर पैनल, 10 गीगावॉट विंड टर्बाइन और 5 गीगावॉट हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर डेवलप करने का टारगेट रखा है. साथ ही 3 गीगा-फैक्ट्रीज भी लगा रही है. सोलर मॉड्यूल बनाने के लिए ग्लास फैक्ट्री का काम पूरा हो गया है. इसी साल अक्टूबर में कंपनी ने देश की सबसे बड़ी 5.2 मेगावॉट की विंड टर्बाइन का प्रोडक्शन शुरू किया था.
अदाणी पोर्ट्स के पास 15 पोर्ट और लॉजिस्टिक्स का बिजनेस है. कंपनी ने 2040 तक कार्बन नेट-जीरो होने का लक्ष्य रखा है. फाइनेंशियल ईयर 2024 के शुरुआती 6 महीने में कंपनी ने कुल एनर्जी मिक्स में रिन्यूएबल एनर्जी की 15% हिस्सेदारी हासिल की है. इससे एनर्जी इंटेनसिटी 46% तक कम हो गई,. साथ ही एनर्जी इमिशन 48% और वॉट कंजम्पशन इंटेनसिटी 59% रही.
बात करें ओवरऑल ESG (Environmental, Social and Governance) इनोवेशन की तो अदाणी ग्रुप की ओर से ग्रीन हाइड्रोजन-बेस्ड डीकार्बोनाइजेशन सॉल्यूशंस के साथ एक्टिव एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं. उत्सर्जन कम हो और सस्टेनेबल एनर्जी को बढ़ावा मिले, इसके लिए अदाणी पावर ने मुंद्रा प्लांट में अमोनिया को-फायरिंग का पता लगाने के लिए IHI कॉर्पोरेशन और कोवा कंपनी के साथ साझेदारी की है. इसका उद्देश्य अदाणी के कोयला प्लांट की डीकार्बोनाइजिंग करना है.
एक अन्य अहम फैसले के तौर पर अदाणी एंटरप्राइजेज ने माइनिंग लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (HFCET) डेवलप करने के लिए अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) और बैलार्ड पावर (Ballard Power) के साथ डील की है. ये ग्रीन हाइड्रोजन ऑपरेट करने वाली एशिया की पहली कंपनी होगी.
अदाणी ग्रीन एनर्जी की दो सब्सिडियरीज ने दो नई रिन्यूएबल एनर्जी सब्सिडियरीज बनाई है. अदाणी ग्रीन की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी अदाणी सौर उर्जा लिमिटेड ने एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी फिफ्टी वन लिमिटेड (ARE51L) बनाई है. वहीं, दूसरी सब्सिडियरी अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी होल्डिंग नाइन लिमिटेड ने अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी फिफ्टी फाइव लिमिटेड (ARE55L) नाम से एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी बनाई है.