अदाणी ग्रुप (Adani Group) की सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements Ltd.) ने सीमेंट मार्केट में अपने कदमों को और मजबूत कर लिया है. कंपनी ने 8,100 करोड़ रुपये में ओरिएंट सीमेंट (Orient Cement Ltd.) के अधिग्रहण का ऐलान किया है.
एक्सचेंज फाइलिंग में अंबुजा सीमेंट्स ने बताया कि ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट्स की सालाना क्षमता में 16.6 मिलियन टन जोड़ेगा. ये खरीदारी पूरी तरह से अंदरूनी भुगतान के जरिए होगी.
इस डील में अदाणी ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स प्रोमोटर्स और दूसरी संबंधित संस्थाओं से 46.8% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. कंपनी 395.40 रुपये प्रति शेयर पर अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक ओपन ऑफर लाएगी.
इस खबर का असर ये हुआ है कि ओरिएंट सीमेंट का शेयर लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया है. शेयर में 7% की जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. अंबुजा सीमेंट्स का शेयर भी इस खबर के बाद 2% चढ़ा.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि 'सी के बिरला ग्रुप' की सीमेंट कंपनी ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट को उसकी मौजूदा उपस्थिति को और मजबूती देगा. इस डील के बाद ऑपरेशन कैपेसिटी 58 डॉलर प्रति टन पर आ जाएगी, ये ऑपरेशन कैपेसिटी ग्रीनफील्ड सेट-अप लागत 110-120 डॉलर प्रति टन से कम है. अधिग्रहण तीन से चार महीने में पूरा होने की उम्मीद है.
अंबुजा सीमेंट्स के डायरेक्टर करण अदाणी के मुताबिक, इस अधिग्रहण के माध्यम से, अंबुजा सीमेंट्स चालू वित्त वर्ष में 100 MTPAए सीमेंट क्षमता तक पहुंचने के लिए तैयार है. 'इससे मुख्य बाजारों में अदाणी सीमेंट्स की उपस्थिति का विस्तार करने और पूरे भारतीय बाजार हिस्सेदारी में 2% की बढ़ोतरी करने में मदद मिलेगी'.
तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र में मौजूदगी के साथ, ओरिएंट सीमेंट की वर्तमान क्षमता 8.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) है और इसको लागू करने की सीमेंट क्षमता 8.1 MTPA है. इससे अंबुजा सीमेंट्स की क्षमता 2025 तक 100 MTPA और 2028 तक 140 MTPA तक पहुंच जाएगी.
SBICap सिक्योरिटीज में फंडामेंटल इक्विटी रिसर्च के चीफ सनी अग्रवाल ने कहा, ओरिएंट सीमेंट-अंबुजा डील की खबरें पहले से ही बाजार में आ रही थीं और ये दोनों खिलाड़ियों के लिए सकारात्मक होने वाली है. उन्होंने कहा कि ऊंची अधिग्रहण कीमत से ओरिएंट सीमेंट के शेयरधारकों को फायदा है.
उन्होंने कहा कि अंबुजा के लिए, ये अदाणी के अधिग्रहण से पहले क्षमता की कमी से जूझ रहा था. दक्षिण के बाजारों तक पहुंच मिलना अब सकारात्मक है. सीमेंट सेक्टर में कंसोलिडेशन चल रहा है'.