अदाणी ग्रुप (Adani Group) की सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements Ltd.) ने 8,100 करोड़ रुपये में ओरिएंट सीमेंट (Orient Cement Ltd.) का अधिग्रहण किया है. ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट्स की सालाना क्षमता में 16.6 मिलियन टन जोड़ेगा.
अदाणी ग्रुप लगातार अधिग्रहण करके सीमेंट क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है. ग्रुप का लक्ष्य साल 2028 तक सीमेंट क्षमता को 140 MTPA तक करना है, ये अधिग्रहण भी उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है.
इस कदम को तर्कों की कसौटी पर परखने के लिए अदाणी सीमेंट्स की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें इस अधिग्रहण को अदाणी ग्रुप की ओर किया गया एक तर्कपूर्ण निवेश बताया गया है. जिन पैरामीटर्स पर इस अधिग्रहण को परखा गया, एक-एक करके समझते हैं.
ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट्स के लिए किस तरह से फायदेमंद है. ये निवेश तार्किकता के मादंडों पर कितना खरा है. इसको ऐसे समझना होगा. ये 2025 अंबुजा सीमेंट्स की क्षमता को 100 MTPA से ज्यादा और 2028 तक 140 MTPA तक बढ़ाने में मदद करेगा. कैसे- समझिए
इस अधिग्रहण से अंबुजा सीमेंट्स को दक्षिण और पश्चिम भारत के कोर मार्केट में अपनी मौजूदगी को 8.5 MTPA तक बढ़ाने में मदद मिलेगी. पूरे भारत में मार्केट शेयर 2% तक बढ़ने की उम्मीद है.
इसके अलावा, ओरिएंट सीमेंट के पास अतिरिक्त 8.1 MTPA की क्षमता चालू होने के लिए तैयार है, इसका निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा.
चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) में बड़े आकार के हाई क्वालिटी वाले चूना पत्थर का भंडार आकर्षक उत्तरी बाजार में सीमेंट ग्राइंडिंग की क्षमता को 6 MTPA तक बढ़ाने की क्षमता देता है.
सितंबर 2022 में जब अंबुजा सीमेंट्स का अदाणी ग्रुप ने अधिग्रहण किया था तब इसकी ऑपरेटिंग कैपेसिटी 68 MTPA हुआ करती थी. इसके बाद सांघी इंडस्ट्रीज, एशियन सीमेंट्स पेन्ना सीमेंट्स और ओरिएंट सीमेंट को खरीदने के बाद अंबुजा सीमेंट्स की क्षमता बढ़कर अब 97 MTPA हो चुकी है. कुछ प्रोजेक्ट्स के शुरू होने के बाद इसकी क्षमता 6 MTPA और जुड़ जाएगा, इसके बाद मार्च 2025 तक इसकी क्षमता 100 MTPA से पार निकल जाएगी.
अंबुजा सीमेंट के पोर्टफोलियो में ओरिएंट सीमेंट के आने के बाद देश के नक्शे पर कंपनी की उपस्थिति में इजाफा होगा. ओरिएंट सीमेंट के कर्नाटक के चित्तपुर, तेलंगाना के देवापुर और गुजरात के जलगांव में सीमेंट प्लांट्स हैं, जिनकी ऑपरेशनल कैपेसिटी 8.5 MTPA है. बाकी 8.1 MTPA की क्षमता शुरू होने को है, जो कि चित्तपुर, देवापुर और मध्य प्रदेश के सतपुरा में है. उत्तर भारत के बाजार में 6 MTPA की नई क्षमता भी है. यानी कुल मिलाकर देखें तो 22.6 MTPA की क्षमता है, जिसमें मौजूदा विस्तार क्षमताएं दोनों ही शामिल हैं.
इस अधिग्रहण का फायदा अंबुजा सीमेंट्स को लागत में कमी के रूप में भी मिलेगा. पूरा लाइमस्टोन रिजर्व जीरो प्रीमियम पर अंबुजा सीमेंट को हासिल होगा. सभी प्लांट्स पर रेलवे साइडिंग है, ये भी फायदेमंद है.
95 MW CPP (कैप्टिव पावर प्लांट्स), 10 MW WHRS (वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम) और 13.5 MW रीन्युएबल पावर. 19.7 MW रीन्युएबल पावर पर अभी काम चल रहा है.
इसके अलावा ग्रीन एनर्जी और घरेलू कोयला लिंकेज के जरिए ऑपरेशनल दक्षता में और सुधार करने का मौका मिलेगा. बेहतर होती भौगोलिक उपस्थिति के साथ अंबुजा सीमेंट्स की लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी.
जैसे- अदाणी सीमेंट्स की मौजूदा उपस्थिति के साथ क्लिंकर स्रोत की अदला-बदली से गुजरात के जलगांव के लिए रेल मालभाड़ा 150 रुपये प्रति टन कम हो जाएगा.
कंपनी को उम्मीद है कि कैपेसिटी यूटिलाइजेशन यानी क्षमता उपयोग में सुधार की उम्मीद है, जो कि तीसरे साल तक 85% तक बढ़ जाएगा. अंबुजा और ACC ब्रैंड ट्रेड सेल्स, प्राप्तियों में सुधार और प्रीमियम सीमेंट की बिक्री में और मदद करेंगे. FY28 तक 1,500/टन से ज्यादा का स्थायी EBITDA हासिल करने के लिए कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन होगा. इस अधिग्रहण अंबुजा सीमेंट्स का ओवरऑल ROCE भी सुधरेगा.
ओरिएंट सीमेंट की बैलेंस शीट काफी मजबूत है, क्योंकि ये करीब करीब कर्ज मुक्त है. इसकी रेटिंग को AA- से AAA करने का लक्ष्य है. इस अधिग्रहण के बाद ओरिएंट सीमेंट की बैलेंसशीट में और मजबूती आने की उम्मीद है.