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जिनके जुनून के आगे अपंगता भी छोटी पड़ गई, अदाणी 'Green X Talks' के मंच पर इकट्ठा हुए असल जिंदगी के नायक

'Green X Talks' में ऐसी हस्तियों को बुलाया गया था जिन्होंने जिंदगी में आई चुनौतियों का अपने तरीके से सामना किया और असंभव को संभव कर दिखाया.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:22 AM IST, 05 Dec 2023NDTV Profit हिंदी
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अगर दिल में जज्बा हो और इरादें मजबूत हों तो कोई भी मुश्किल आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती.ऐसे जुनूनी असल जिंदगी के नायकों को अदाणी ग्रुप (Adani Group) एक साथ एक मंच पर लेकर आया, जहां उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानियां देश के सामने रखीं, अपने अनुभवों का साझा किया. मौका था अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस (International Day of Persons with Disabilities.)

'Green X Talks' पर जुटे असल जिंदगी के नायक

अहमदाबाद में अदाणी कॉर्पोरेट हाउस में 4 दिसंबर को एक कार्यक्रम 'Green X Talks' का आयोजन किया गया, जहां ऐसी हस्तियों को बुलाया गया था जिन्होंने जिंदगी में आई चुनौतियों का अपने तरीके से सामना किया और असंभव को संभव कर दिखाया.

''Green X' दिव्यांग व्यक्तियों की क्षमताओं का प्रतीक'

अदाणी ग्रुप के ग्रुप फाइनेंस के वाइस प्रेसिडेंट जीत अदाणी (Jeet Adani) ने इस मौके पर कहा कि 'Green X' दिव्यांग व्यक्तियों की क्षमताओं का प्रतीक है. हरा रंग जीवन से भरी दुनिया को दर्शाता है, जो तरक्की, उम्मीद और अपार संभावनाओं का प्रतीक है. X रहस्य का प्रतीक है, जो पहचान और विकास का इंतजार कर रही असाधारण प्रतिभा के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में आगे बढ़ रहा है.

इस कार्यक्रम में अजय कुमार रेड्डी भी शामिल थे, जो 2016 से भारतीय पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. उन्होंने 2017 ब्लाइंड T20 विश्व कप और 2018 ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली टीम की कप्तानी की. अजय कुमार रेड्डी के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने साल 2014 में क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता था. भारत ने ये खिताब तब जीता जब पाकिस्तान ने फाइनल में भारत के सामने 300 से ज्यादा रनों का विशाल लक्ष्य रखा था और भारत ने इस लक्ष्य को हासिल किया.

चुनौतियां जो जुनून के आगे छोटी पड़ गईं

निपुण मल्होत्रा, जो कि एक विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक उद्यमी थे, जिन्होंने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए दिल्ली के सेंट स्टीफंस में अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की. निपुण विकलांगता अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था निपमैन फाउंडेशन के CEO हैं.

एक अन्य पैनलिस्ट अलीना आलम ने 2017 में मिट्टी कैफे शुरू किया था जब वह सिर्फ 23 साल की थीं। कई बड़े हवाई अड्डों में 35 कैफे में उनके लगभग 400 लोग काम करते हैं। कंपनी विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं वाले लोगों को रोजगार देती है और अब तक 10 मिलियन से अधिक लोगों को भोजन परोस चुकी है.

कार्यक्रम में एक स्पीकर अलीना आलम ने बताया कि उन्होंने 2017 में मिट्टी कैफे शुरू किया था जब वह सिर्फ 23 साल की थीं. कई बड़े एयरपोर्ट्स में 35 कैफे में उनके लगभग 400 लोग काम करते हैं. कंपनी दिव्यांग लोगों को रोजगार देती है और अब तक 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को खाना खिला चुकी हैं.

इस कार्यक्रम में पैनलिस्ट डॉ. अनिता शर्मा भी शामिल हुईं, वो पोलियो के कारण कमर से नीचे तक लकवाग्रस्त हैं. उसने IIM-इंदौर से विकलांगता और उद्यमिता में Ph.D हासिल की है. "ड्राइव ऑन माई ओन" फाउंडेशन और इंकपोथब की फाउंडर हैं साथ ही एक DEI सलाहकार भी हैं, अनिता शर्मा भारत की पहली विकलांग महिला स्काइडाइवर भी हैं.

कार्यक्रम की शुरुआत रश्मि पाटिल ने अपने बेहतरीन परफॉर्मेंस से की, रश्मि सुन नहीं सकतीं हैं, लेकिन ये बात नृत्य के लिए उनके जुनून और समर्पण के सामने छोटी साबित हुई. रश्मि ने

भरतनाट्यम में एडवांस डिग्री हासिल की. उन्होंने 6 साल की उम्र में भरतनाट्यम सीखना शुरू किया और एक राष्ट्रीय स्तर की नृत्यांगना बन गईं. उन्होंने कई सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और पांच साल तक पूरी दुनिया में ज्वेलरी बिजनेस चलाया.

आखिर में अंकिता पटेल ने अपनी जादुई आवाज में कार्यक्रम का समापन किया, उनकी ओर से गाए कुछ मशहूर और क्लासिकल गानों ने वहां बैठे हर किसी को सम्मोहित कर लिया. अंकिता पटेल देख नहीं सकतीं, लेकिन पांच वर्षों से वो संगीत के प्रति समर्पित हैं और प्रोफेशनल तौर गाने गा रही हैं.

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