ADVERTISEMENT

NDTV Profit Exclusive: OLA ELectric IPO के आक्रामक प्राइसिंग का मकसद स्टेकहोल्डर्स को फायदा देना और रिटेल निवेशकों को शामिल करना है: भावेश अग्रवाल

खास बातचीत में कंपनी के फाउंडर और CEO भावेश अग्रवाल ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक लॉन्ग टर्म की कहानी है. फिलहाल कंपनी फोकस का सस्टेनेबल ग्रोथ और वैल्यू क्रिएशन पर है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:51 PM IST, 29 Jul 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

2 अगस्‍त को खुलने वाले ओला इलेक्ट्रिक के IPO (Ola Electric Mobility) का प्राइस बैंड तय हो गया है. इलेक्ट्रिक स्‍कूटर बनाने वाली कंपनी ने IPO का प्राइस बैंड 72-76 रुपये/शेयर तय किया है. कंपनी ने IPO के लिए मिनिमम लॉट साइज 195 शेयर्स का तय किया है. इस प्राइस बैंड पर कंपनी का वैल्‍युएशन 33,522 करोड़ रुपये आंका गया है. ये दिसंबर 2023 में फंड जुटाने के वैल्युएशन से भारी डिस्‍काउंट पर है.

ओला इलेक्ट्रिक के IPO, फ्यूचर प्लान पर कंपनी के फाउंडर और CEO भावेश अग्रवाल से खास बातचीत की NDTV प्रॉफिट की तमन्ना इनामदार ने...

तमन्ना इनामदार: OLA इलेक्ट्रिक ने IPO की कीमत बहुत आक्रामक रखी है, इसकी क्या वजह है ?

भाविश अग्रवाल: इस स्तर पर कंपनी को बाजार में लाने का OLA का निर्णय शुरुआती मोमेंटम का फायदा लेने और रेवेन्यू में ग्रोथ की कोशिशों को दर्शाता है. IPO की आक्रामक कीमत का उद्देश्य रिटेल इन्वेस्टर सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए पर्याप्त वैल्यू क्रिएशन सुनिश्चित करना है, जिससे रिटेल इन्वेस्टर को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.

हरीश अबीचंदानी (CFO): ओला के आक्रामक प्राइसिंग का मकसद स्टेकहोल्डर्स को ज्यादा फायदा देना और इससे रिटेल निवेशकों को शामिल करना है.

भाविश अग्रवाल: IPOs के हाई वैल्यूएशन के चलते प्राइसेज में तेज उछाल आया (जिसके कारण कई निवेशक बेचकर बाहर निकल रहे हैं), इसके बावजूद कंपनी का फोकस लॉन्ग टर्म सक्सेस पर है. प्राइस एग्रेसिव है लेकिन ये लॉन्ग टर्म की कहानी है. फिलहाल हमारा फोकस सस्टेनेबल ग्रोथ और वैल्यू क्रिएशन पर है.

तमन्ना इनामदार: कंपनी को फिलहाल 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, ऐसे में कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी का रास्ता क्या होगा?

भाविश अग्रवाल: निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी है, विशेष रूप से 1,200 करोड़ रुपये के मौजूदा नुकसान को देखते हुए. प्रॉफिटेबिलिटी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है. समय के साथ, जैसे-जैसे मैन्युफैक्चरिंग स्केल और वॉल्यूम बढ़ेंगे, हम एक टिपिंग पॉइंट तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं जहां EBITDA पॉजिटिव हो जाएगा.

तमन्ना इनामदार: कब तक इस टिपिंग पॉइंट तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं?

भाविश अग्रवाल: टिपिंग पॉइंट पर फिलहाल कोई आकड़े या वक्त नहीं बता सकते.टिपिंग पॉइंट मैन्युफैक्चरिंग स्केल और वॉल्यूम से जुड़ा हुआ है. EV केवल सप्लायर से प्रोडक्ट या पार्ट्स खरीद कर असेंबल करना नहीं है. कई नई टेक्नोलॉजीज, बैटरी, सैल का इस्तेमाल होता है, जिसे हम खुद बना रहे हैं.सबसे महत्तवपूर्ण सेल होता है. बैटरी के लिए हमने भारत की पहली गीगाफैक्ट्री बनाई है. हमारे पास सबसे ज्यादा लिथियम की सोर्सिंग है. अगले साल तक हम अपने प्रोडक्टस में खुद का बैटरी का इस्तेमाल करेंगे.

तमन्ना इनामदार: ओला की गीगाफैक्ट्री कब तक चालू होगी?

भाविश अग्रवाल: गीगाफैक्ट्री अगले साल की शुरुआत में प्रोडक्शन शुरू करने के लिए तैयार है. हमने पहले ही ट्रायल प्रोडक्शन शुरू कर दिया है और फैक्ट्री का कड़ाई से परीक्षण कर रहे हैं. इस फैक्ट्री से कंपनी की प्रोडक्शन क्षमता में काफी ग्रोथ होने और इसके लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद है.

तमन्ना इनामदार: ओला की इलेक्ट्रिक कार कब तक आएंगी?

भाविश अग्रवाल: किसी भी ईवी प्रोडक्ट का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट सेल (बैटरी) होता है. इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाद हमारा अगला कदम बाईक होगा. इस साल 15 अगस्त पर कंपनी इस पर महत्वपूर्ण अनाउंसमेंट करेगी .

तमन्ना इनामदार: IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कहां होगा?

हरीश अबीचंदानी: हम सेल मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए पूंजी जुटा रहे हैं. रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए 1600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. जैसे-जैसे हम बढ़ेंगे, प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी. हमारा कैपेक्स काफी हद तक अच्छी तरह से फंडेड है

भावेश अग्रवाल का पूरा एक्सक्लूसिव इंटरव्यू यहां देखें

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT